forest fire को लेकर आज दिल्ली से उत्तराखंड सदन में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की क्लास लगा दी. जंगलों में लगी आग से मचे हाहाकार के बीच सीेएम धामी ने अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं.
forest fire को रोकने के लिए सीएम ने दिए निर्देश
forest fire को रोकने के लिए सीएम ने जन सहभागिता के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। पानी की किल्लत को देखते हुए भविष्य को ध्यान में रखते हुए लॉन्ग टर्म योजनाएं बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जल संरक्षण और जल संवर्धन पर भी अधिकारियों को काम करने के आदेश दिए गए है।
मौके पर जरूर जाएं DFO- सीएम धामी
सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि डीएफओ और उनसे उच्च स्तर के अधिकारी मौके पर जरूर जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यालय में बैठकर forest fire पर काबू नहीं पाया जा सकता। इसके लिए जो भी कड़ी कार्रवाई की जानी है वह की जाए। जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लें।मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि forest fire के मामले में एक सप्ताह में सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। नवनियुक्त हॉफ ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब तक वनाग्नि के प्रकरणों में कुल 350 केस दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 60 नामजद मुकदमे दर्ज किए गए।
forest fire की 24 घंटे में 64 घटनाएं
प्रदेश में जंगल की आग पर काबू पाना दिन पर दिन मुश्किल होता जा रहा है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में forest fire की 64 घटनाएं सामने आ रही हैं। शुक्रवार को सामने आई आग की घटनाओं में से 30 घटनाएं गढ़वाल से तो 29 कुमाऊं से और पांच घटनाएं वन्य जीव क्षेत्रों से सामने आई हैं।
उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है। बीते गुरूवार को अल्मोड़ा के सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगलों में लगी आग की चपेट में आने से एक नेपाली मजदूर की मौत हो गई थी। जबकि तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल तीन मजदूरों में से दो मजदूरों ने भी इलाज के दौरान दम तड़ दिया है।