Delhi DTC Bus: दिल्ली में जिस तरह मेट्रो का जाल कोने-कोने तक बिछा हुआ है, परिवहन में उतना ही योगदान डीटीसी बसों का भी है। दिल्ली में सैकड़ों डीटीसी बसें हर दिन यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने का काम करती हैं। कई दफा डीटीसी बसों के साथ हादसे की भी खबर सुनने को मिलती है, जिसका खामियाजा दिल्ली के आम लोगों को भुगतना पड़ता है। लेकिन अब दिल्ली की डीटीसी बसों में ट्रेवल करना और अधिक सुरक्षित होने वाला है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नियमों में कई बदलाव की जानकारी दी है।
Delhi DTC Bus:एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, गहलोत ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, उन्होंने 2000 बसें शामिल की हैं। “इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें यह देखने की ज़रूरत है कि हमारी बसें सड़क पर कैसा प्रदर्शन कर रही हैं। हाल ही में, लेन ड्राइविंग पर बहुत ज़ोर दिया गया है। पिछले दिनों कुछ दुर्घटनाएँ भी हुई हैं। कुछ मुद्दे हमारे ध्यान में आए हैं, जैसे कि कुछ ड्राइवर कई ड्यूटी लेते हैं, जिससे थकान होती है। दिल्ली सरकार की बसें प्रतिदिन कम से कम 200 किलोमीटर चलती हैं। यह भी प्रावधान है कि 8 घंटे के बाद, ड्राइवर को आराम दिया जाना चाहिए।
Delhi DTC Bus: ड्राइवरों को आधार लेकर चलना होगा
डीटीसी और डिम्ट्स के जितने भी ड्राइवर हैं, उन सबकी आधार बेस्ड ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर डिवेलप किया जा रहा है, जिसकी मदद से आधार बेस्ड ड्यूटी एलोकेशन सिस्टम लागू किया जाएगा, ताकि कोई भी ड्राइवर डबल शिफ्ट न कर सके। इसके लिए सभी ड्राइवरों का एक यूनिफाइड डेटाबेस भी बनाया जा रहा है, जिसका एक्सेस सभी डिपो मैनेजरों के पास होगा।
Delhi DTC Bus: चेहरे से होगी ड्राइवरों की पहचान
हर एक डिपो में बायोमेट्रिक फेस रिकॉग्निशन सिस्टम इंस्टॉल किया जाएगा। इसके लिए टेंडर नोटिस जारी किया जा चुका है। जब भी कोई ड्राइवर ड्यूटी के लिए आएगा, तो यह सिस्टम ड्राइवर के चेहरे से उसकी पहचान करके यह सुनिश्चित करेगा कि वह डबल ड्यूटी न कर सके। अगर इसके बाद भी किसी ड्राइवर के डबल ड्यूटी करने की शिकायत मिलती है, तो इसके लिए डिपो मैनेजर को जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
डीटीसी और क्लस्टर बसों के ड्राइवर के लिए नियम
Delhi DTC Bus: कैलाश गहलोत ने पहले तो ये सुनिश्चित किया है कि कोई भी ड्राइवर अब से डबल शिफ्ट में काम नहीं कर सकेंगे। कई ऐसे ड्राइवर होते हैं, जो अधिक पैसा कमाने के लिए डबल शिफ्ट में काम करते हैं, इससे उसकी थकान दूर नहीं हो पाती है, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए अब से एक ड्राइवर एक ही शिफ्ट में काम कर सकेगा। कोई भी ड्राइवर 8 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी नहीं कर सकेगा। इसके लिए सभी बसों में बायोमेट्रिक फेस डिटेक्शन लगाया जाएगा। इसके अलावा सभी ड्राइवर के आधार कार्ड को एक सॉफ्टवेयर से लिंक किया जाएगा, जो इसकी जानकारी देते रहेगा।
यह भी पढ़ें: Delhi School Close: बम की धमकी के बाद मचा हड़कंप, सभी स्कूलों में छुट्टी और जांच में जुटी पुलिस