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Sirmaur: विधवा मां की कठोर तपस्या, बेटी की मेहनत: नेहा वर्मा ने 96% अंक के साथ हिमाचल में लहराया परचम

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Sirmaur के शिलाई के बेला गाँव की है नेहा वर्मा

Summary

नेहा वर्मा ने 8वीं में 91%, 10वीं में 90% और बारवीं कक्षा में 96% अंक लेकर हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षा में 8 स्थान प्राप्त करके कर्तबयनिष्टा, मेहनत का मनवाया लोहा है।

शिलाई : कक्षा 12वीं का रिजल्ट आने के बाद Sirmaur के शिलाई की बेटी नेहा जहां हिमाचली बच्चों के लिए प्रेरणा बनी है। वहीं पढ़ाई में बड़ी सफलता पाने के बाद मां कमला देवी का दर्द खुशी के साथ साफ झलकता दिखाई दिया। आठ सालों के लम्बे अंतराल के बाद मां की आखों के आसूं जहां बेटी ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवा कर धोए है, वहीं मां की खोई हुई मुस्कान बेटी ने लौटाकर मिसाल कायम की है।

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Sirmaur: विधवा मां की कठोर तपस्या, बेटी की मेहनत: नेहा वर्मा ने 96% अंक के साथ हिमाचल में लहराया परचम


Sirmaur के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शिलाई की छात्रा नेहा वर्मा 96% अंको के साथ प्रदेश के लिए बनी प्रेरणा

नेहा वर्मा सीनियर सेकेंड्री स्कूल शिलाई की छात्रा है। जिला Sirmaur के खण्ड विकास कार्यालय शिलाई की ग्राम पंचायत बैला की रहने वाली नेहा वर्मा ने हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12 आर्ट्स परीक्षा में 480 अंक लेकर 96 प्रतिशत का आंकड़ा लेने के बाद प्रदेश में 8वां स्थान प्राप्त किया है।

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सर्दी, गर्मी, बरसात जैसा भी मौसम आया नेहा वर्मा की मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा के आगे सब बोना नजर आता है। रोज सुबह घर से स्कूल और स्कूल से घर, आनेजाने में 15 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करना और उसके बाद विधवा मां के साथ घर के कार्य में बराबर हाथ बटाना, शायद ही किसी के बस में हो लेकिन नेहा वर्मा ने यह सब करके दिखाया और प्रदेश के बच्चो के लिए प्रेरणा बनकर उभरी है।

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तेज बरसात, कड़कती धूप और हाड़ को कंपकपाती ठंड भी नेहा वर्मा का हौसला न तोड़ पाई, रोज 15 किलोमीटर का सफर और जंगल का रास्ता सफलता की पूंजी

नेहा वर्मा की पारिवारिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। पिता की आठ वर्ष पहले मृत्यु होने के बाद मां कमला देवी ही माता और पिता दोनो की जिम्मेदारियां निभा रही है। बीपीएल परिवार में होने के नाते राशन के लिए थोड़ी सहायता सरकार से जरूर मिल जाती है। लेकिन अच्छी शिक्षा और अच्छा भोजन खाने के लिए नाकाफी है।

बावजूद उसके मां कड़कती धूप में अपनी मजदूरी का लोहा मनवाती रही और बेटी पढ़ाई के साथ मां का सहयोग करने में कही भी पीछे नहीं हटी, दिन की कड़कती गर्मी और रात के अंधेरे में दिए के नीचे पूरी रात पढ़ाई करना ऐसा नेहा ने करके दिखाया है। मां कमला देवी पर बेटी नेहा के साथ दो छोटे बेटों की पढ़ाई और भरण पोषण का बोझ इतना भारी है कि पढ़ाई को लेकर निजी स्कूल या ट्यूशन में पढ़ाई करवाना अधिकार में नहीं रहा। लेकिन बेटी नेहा वर्मा ने मां के साथ क्षेत्र और प्रदेश को यह महसूस नहीं होने दिया कि उनकी पढ़ाई मे किसी तरह की कोई कमी रही होगी।

मां कमला देवी ने बताया कि नेहा बचपन से ही मेहनती है जो मां बच्चों के लिए नही दे पाई, बेटी नेहा ने उससे कही अधिक अच्छा खुद को करके दिखाया है।

नेहा वर्मा की माता कमला देवी की माने तो घर में गरीबी लगातार बनी रही, 8 वर्ष पहले पति का देहांत हो गया। उसके बाद सर से जैसे छत उड़ गई हो, खेतीबाड़ी एक मात्र सहारा भरण पोषण का रहा। बच्चों की पढ़ाई और परिवार का भोजन मुश्किल से पूरा हो पाता है। लेकिन बेटी नेहा ने पढ़ाई के साथ-साथ कंधे से कंधा मिलाकर कड़ी मेहनत की है। आज बेटी निकिता कालेज में पढ़ रही है। बेटा अमन 12 वीं कक्षा में है।

Sirmaur की बेटी नेहा ने 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करके परिवार के साथ क्षेत्र का नाम रोशन किया है। आज कमला देवी खुद को गौरान्वित महसूस कर रही है और खुशी से झलकी आखों में आंसू लिए बताया कि यदि नेहा के पिता जिन्दा होते तो आज खुशियों को मानने का तरीका बहुत भव्य रहता। जो बच्चो के लिए में नहीं कर पाई वह बच्चों ने हमारे लिए करके दिखाया है।

Sirmaur : सीनियर सेकेंड्री स्कूल शिलाई परिवार नेहा वर्मा के उज्जवल भविष्य की कामना करता है: रमेश चंद (प्रधानाचार्य)

Sirmaur के सीनियर सेकेंड्री स्कूल शिलाई के प्रधानाचार्य रमेश चंद ने नेहा वर्मा की कामयाबी पर बताया कि नेहा वर्मा की कड़ी मेहनत पूरे प्रदेश के छात्र, छात्रों के लिए प्रेरणा है। जिन बच्चों के अंदर निष्टभाव और मेहनत की ललक होती है। उनके रास्ते कोई नही रोक सकता है।

आज नेहा वर्मा में हिमाचल प्रदेश में 12वीं कक्षा की आर्ट्स परीक्षा में 500 मे से 480 अंक प्राप्त किए है। यह शिलाई स्कूल के लिए भी गौरवमयी पल है जो नेहा बेटी ने स्कूल को दिलाएं है। नेहा वर्मा का पूरा परिवार बेटी की मेहनत पर बधाई का पात्र है और पूरा शिलाई स्कूल प्रबंधन नेहा वर्मा के उज्जवल भविष्य की कामना करता है।