भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाला सुक्खू सरकार का चेहरा हुआ बेनकाब: Jairam Thakur

Jairam Thakur : सरकार ने बद्दी में भ्रष्टाचार और माफिया को संरक्षण देने के हर हथकंडे अपनाए

शिमला: शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार का चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हो गया है। आज फिर पूरे प्रदेश ने देखा कि किस प्रकार से सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके बद्दी में गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों को संरक्षण देने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री को प्रदेश के हितों से ज्यादा अपनी कुर्सी की चिंता है। इसीलिए राजनीतिक दबाव में आकर उन्होंने बद्दी की एसपी पर कार्रवाई की और उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया। जिससे वहां तैनात होने वाले आगे अधिकारियों पर भी यह दबाव बने की सरकार के लोगों को छेड़ना नहीं है। आज भी अखबारों में छपा है कि खनन माफिया एसपी ऑफिस के आसपास भी अवैध खनन कर रहे हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

सरकार द्वारा इस प्रकार से माफिया को संरक्षण देना दुर्भाग्यपूर्ण भी है और शर्मनाक भी।  मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के लोग इस बात को समझ लें कि उनके लोग कानून से ऊपर नहीं है और अगर गैर कानूनी कार्य करेंगे तो उन पर भी कानून का डंडा चलेगा। आज माननीय उच्च न्यायालय ने बद्दी में एसपी की नियुक्ति  के मामले में सरकार की तानाशाही और अन्याय को उजागर करते हुए जो फैसला दिया है, उसकी हम सराहना करते हैं।

Jairam Thakur ने कहा कि इसमें प्रदेश में जिस तरीके की खबरें आए दिन सामने आ रही है वह प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार से अच्छी नहीं है। कभी ड्रग रैकेट के खिलाफ काम करने वाली एसआईटी के लोगों का तबादला हो जाता है तो कभी किसी डीएसपी को सरकार इसलिए ट्रांसफर कर देती है कि वह अपना काम जिम्मेदारी के साथ कर रहा था।  

व्यवस्था परिवर्तन वाली सुक्खू सरकार में चाहे कोई एसपी के पद पर कार्यरत अधिकारी हो या डीएसपी के पद पर कार्यरत अधिकारी हो, या  कोतवाल और पुलिस का जवान हो, अपना काम जिम्मेदारी से करने के लिए सभी को सरकार के कोप का सामना करना पड़ा। सभी मामलों  में पीड़ित अधिकारी जब न्यायालय पहुंचे तो उन्हें न्याय मिला, सबके ट्रांसफर रोके गए।  

मुख्यमंत्री को अब साफ समझ लेना चाहिए कि वह सत्य के साथ खड़े हो, न्याय के साथ खड़े हो, जिम्मेदारी से अपना काम करने वाले अधिकारियों के साथ खड़े हो, माफिया और गैर कानूनी काम करने वाले लोगों के साथ नहीं। मुख्यमंत्री का काम प्रदेश में कानून व्यवस्था को सही रखने का है अपराधिक तत्वों पर नियंत्रण लगाने का है इसलिए वह माफिया को संरक्षण देने के बजाय अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें तो बेहतर होगा।

नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बद्दी में आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को फिर से एसपी के पद पर नियुक्त करने के आदेश देने का स्वागत किया। Jairam Thakur ने कहा कि सरकार इस कदर अराजक है कि माननीय न्यायालय को इस मामले में हस्ताक्षेप करना पड़ा। आखिर इस तरीके से मुख्यमंत्री किसे बचाना चाहते हैं? और उससे भी जरूरी सवाल है क्यों बचना चाहते हैं?

मुख्यमंत्री द्वारा माफियाओं को संरक्षण देने के पीछे की मंशा क्या है? क्यों एक अधिकारी को प्रताड़ित करने के हर हथकंडे सरकार द्वारा अपनाए गए? क्यों सरकार में बैठे लोगों द्वारा एक आईपीएस को इतना प्रताड़ित किया गया कि वह रातों-रात अपना दफ्तर और घर छोड़कर चली गई? क्यों एक आईपीएस को प्रताड़ित करने वाले लोगों के साथ मुख्यमंत्री खड़े रहे और उनका बचाव करते रहे?

मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया होता है, अभिभावक होता है, यदि अभिभावक ही ऐसा काम करने लगे तो प्रदेश के लोग कहां जाएंगे? मुख्यमंत्री को प्रदेश के लोगों को इस बात का जवाब देना ही पड़ेगा कि उन्होंने ऐसे लोगों का साथ क्यों दिया जो न्याय की कसौटी पर खरे नहीं उतरे? साथ ही मुख्यमंत्री को सबक लेना चाहिए कि वह माफिया और गैरकानूनी काम करने वालों के दबाव में आकर अन्याय न करें।

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