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yaarah Gyaarah Review: 2024 में बैठे दर्शकों को भी 90s के दशक में पहुंचा देगी कहानी, राघव जुयाल की दमदार अदाकारी

By Sushama Chauhan

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yaarah Gyaarah Review: ‘ग्यारह ग्यारह’ वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफार्म zee 5 पर दस्तक दे चुकी है। आठ एपिसोड़ वाली इस सीरीज को वीकेंड पर देखने का मन बना रहे हैं,तो आइये जानते हैं क्या कुछ है खास और कहां नहीं बनी बात।

yaarah Gyaarah Review
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yaarah Gyaarah Review: कोरियन हॉरर हो या एक्शन हम भारतीय दर्शकों को यह काफी पसंद आता है, और जब बात आती है सस्पेंस-थ्रिलर की तो इस जॉनर की भी अच्छी-खासी ऑडियंस है हमारे यहां। यही वजह है कि हमारे यहां कोरियन फिल्मों और सीरीज का रीमेक होता रहता है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए निर्देशक उमेश बिष्ट लोकप्रिय और हिट कोरियन सीरीज ‘सिग्नल’ का ‘ग्यारह ग्यारह’ के रूप में हिंदी रूपांतरण लेकर आए हैं। सस्पेंस-थ्रिल और कलाकारों के बेहतरीन अभिनय से सजी इस सीरीज में निर्देशक उमेश भट्ट दर्शक को बांधे रखने में कामयाब रहते हैं।

yaarah Gyaarah Review: सीरीज की खूबियां और खामियां

यह सीरीज टाइम ट्रेवल के बैकड्रॉप पर बनी है, लेकिन मूल रूप से यह एक क्राइम ड्रामा शो है।शो के पहले चार एपिसोड में कहानी एक ही केस के इर्द गिर्द घूमती है। बाकी के चार एपिसोड में दो और केसेज को दिखाया गया है, सीरीज की शुरुआत स्लो होती है। सबसे ज्यादा रोमांच पांचवें और छठे एपिसोड में आता है ,लेकिन आठों  एपिसोड में कहानी में जिस तरह से  इन्वेस्टिगेशन के पहलू को गुंथा गया है। वह रोमांच के साथ  सस्पेंस भी बरकरार रहता है। आप यह जानना चाहते हैं कि आगे क्या हुआ। सीरीज के निर्देशक उमेश बिष्ट की तारीफ़ करनी होगी।

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yaarah Gyaarah Review: कहानी

इस सीरीज में कहानी लगातार अतीत और भविष्य में आती जाती रहती है। इसके साथ ही कहानी के सब प्लॉट्स भी हैं, लेकिन ये आपस में उलझते नहीं है। किरदारों में भी बहुत लेयरिंग है। सीरीज में पुलिस के काम करने के तौर तरीके को डिटेल में दिखाया गया है। जिसमें न्याय प्रणाली की खामियों को भी दिखाया गया है। हालांकि नयापन नहीं है,लेकिन यह आपको बांधे रखता है। इससे इंकार नहीं है.सीरीज का वीएफएक्स थोड़ा और बेहतर हो सकता था।

सीरीज की कहानी को उत्तराखंड में स्थापित किया गया। वहां की पहाड़ियां और वादियां इस क्राइम ड्रामा में एक अलग ही टच देते हैं। चूँकि टाइम ट्रेवल की कहानी है,तो पहाड़ों में आसानी से 90  के दशक और 2016 दोनों को दिखा दिया गया है। वैसे 15 साल पुराने लुक में कृतिका कामरा को उस तरह से युवा नहीं दिखा पाए हैं, जैसी कहानी की जरुरत थी। वह दोनों ही टाइमलाइन में एक जैसी ही दिखती हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा बन पड़ा है, तो  संवाद भी कहानी के साथ न्याय करते हैं।

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yaarah Gyaarah Review: डायरेक्शन

‘ग्यारह ग्यारह’ का डायरेक्शन उमेश बिष्ट ने किया है। उन्होंने 2021 में आई सान्या मल्होत्रा की फिल्म ‘पगलेट’ भी डायरेक्ट की थी। इस बार ‘ग्यारह ग्यारह में डायरेक्शन अच्छा है लेकिन कहानी थोड़ी स्लो चलती नजर आ रही है।सीरीज का सेटअप डार्क टोन में रखा गया है जिससे क्राइम और थ्रिलर पर ध्यान बना रहे।

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