भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C), गृह मंत्रालय (MHA), और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) टेलीग्राम की जांच कर रहे हैं। इस जांच का मुख्य ध्यान वसूली और जुए जैसी अवैध गतिविधियों पर है जो टेलीग्राम के माध्यम से हो रही हैं।
अगर जांच में ये आरोप सही पाए गए, तो टेलीग्राम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें ऐप पर बैन भी शामिल हो सकता है।यह मामला एक बड़ी प्रवृत्ति को दिखाता है जहां सरकारें डिजिटल प्लेटफार्मों पर नजर रख रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि वे कानून का पालन करें। टेलीग्राम को भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग करना पड़ेगा और अपनी नीतियों या सुविधाओं में सुधार करना पड़ सकता है ताकि बैन से बचा जा सके।
इससे पहले, 24 अगस्त को पेरिस में टेलीग्राम के संस्थापक और CEO पावेल दुरोव को उनके ऐप की मॉडरेशन नीतियों के लिए गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उनकी नीतियां प्लेटफार्म पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने में नाकाम रही हैं। तकनीकी अरबपति एलोन मस्क और व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने इस गिरफ्तारी की आलोचना की है। रिपोर्ट के अनुसार, टेलीग्राम का भविष्य जांच के नतीजों पर निर्भर करेगा। टेलीग्राम भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियमों का पालन करता है, जिसमें नोडल अधिकारी, मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति और मासिक अनुपालन रिपोर्ट शामिल हैं।