शिमला : जम्मू-कश्मीर के बारामूला के वीरवन जंगल में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए शिमला जिले के कुपवी क्षेत्र की मझौली पंचायत के गौंठ निवासी कुलभूषण मांटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। लोगों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी।
वहीं, पत्नी व बहन ने शहीद को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी। पत्नी, माता व बहनों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प भी अर्पित किए। इस दौरान पूरा क्षेत्र शहीद कुलभूषण मांटा अमर रहे, भारत माता की जय…के नारों से गूंज उठा। इससे पहले पार्थिव देह शनिवार तड़के पैतृक गांव पहुंचते ही परिजन बिलख पड़े। तिरंगे में लिपटे अपने बेटे की पार्थिव देह देख परिजनों के आंखू नहीं रुक रहे थे। शहीद की माता दुर्मा देवी और पत्नी नीतू बेसुध हो गईं। वहीं, पूरा क्षेत्र कुलभूषण के शहीद होने की सूचना के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है।
कुलभूषण की एक साल पूर्व शादी हुई थी। घर में ढाई माह का बेटा है। शहीद कुलभूषण अपने पीछे पत्नी नीतू, ढाई महीने का बेटा, पिता प्रताप, माता दुर्मा देवी, बहनें रेखा, किरण, रजनी को छोड़ गए हैं।
शहीद की पार्थिव देह को पहले जम्मू के अस्पताल से हेलीकॉप्टर से चंडीगढ़ पहुंचाया गया है। चंडीगढ़ से सड़क के जरिये पैतृक गांव तक पहुंचाई गई।
शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान स्थानीय प्रशासन, सेना के जवान, रिश्तेदार व स्थानीय लोग उपस्थित रहे।