ऊना 20 सितम्बर: अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए चलाये गये प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम की प्रगति के संबंध में त्रैमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन अतिरिक्त उपायुक्त महेन्द्र पाल गुर्जर अग्रवाल की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अन्तर्गत एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित व्यवस्था, स्कूली शिक्षा की उपलब्धता, उर्दू शिक्षण, छात्रवृत्ति, तकनीकी प्रशिक्षण, गरीबों के स्वरोजगार, तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल उन्नयन, साम्प्रदायिक दंगों के पीढ़ितों का पुनर्वास आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। ज़िला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा ने सम्बन्धित विभागों की त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
एडीसी ने बताया कि एकीकृत बाल विकास योजना के तहत ज़िला ऊना में 54 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व 47 आंगनवाड़ी सहायिकाएं सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इनके माध्यम से इस साल जून मास तक अल्पसंख्यक समुदाय के 793 बच्चों तथा 250 महिलाओं को लाभान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के ग्रामीण क्षेत्र में 98000 रूपये व शहरी क्षेत्र मंे एक लाख 20 हजार रूपये की सालाना आय वाले परिवार को आर्थिक कार्य कलापों और स्वरोजगार के लिए दस ऋण उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। जिसके तहत दस लाख तक ब्याज दर 6 प्रतिशत तथा उससे अधिक राशि पर 8 प्रतिशत ब्याजदर निर्धारित की गई है। इस योजना के तहत पात्र व्यक्ति को दुकान के लिए 5 लाख तथा रोज़गार हेतु मशीन एवं गाड़ी खरीदने के लिए 20 लाख रूपये तक ऋण राशि देने का प्रावधान है। उन्होंने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को अल्पसंख्यक समुदाय की शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए विभागीय योजनाओं तथा मेधावी विद्यार्थियों के लिये छात्रवृति हेतु आवेदन आमंत्रित करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के माध्यम से भी उनका शैक्षिक उन्नयन किया जाए ताकि रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो पाएं।
एससीएसटी अधिनियम के तहत सभी 46 मामलों को राहत राशि जारी
इसके उपरान्त दूसरी बैठक जिला सतर्कता एवं प्रबोधन समिति ऊना तथा एससीएसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की समीक्षा पर आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि एससीएसटी अत्याचार निवारण अधिनियम अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगांे का समाज में जातिगत समानता का अधिकार दिलाने, जातिगत भेदभाव व अत्याचार निवारण हेतु कानूनी अधिकार दिलाने हेतु अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सजा सहित, कड़ी कार्यवाही करने तथा पीड़ितों को कानूनी संरक्षण दिलवाने के साथ-साथ पुनर्वास हेतु विभिन्न धाराओं के तहत एक लाख से 8 लाख 25 हजार तक राहत राशि प्रदान करने का प्रावधान है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि ज़िला ऊना में एससीएसटी अधिनियम के तहत 46 मामलों में सभी को दो किश्तों में राहत राशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इन मामलों का गत तीन वर्षाें का डाटा बैंक बनाया जाए ताकि यह तय किया जा सके कि कोई इस अधिनियम का दुरूपयोग न कर सके।
पंचायत स्तर पर सुनिश्चित हो दिव्यांगजनों की पहचान
इस मौके पर तीसरी बैठक जिला स्तरीय दिव्यांग समिति की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिये कि ज़िला के सभी खण्ड विकास अधिकारियों को तुरन्त पत्र लिखकर सूचित करने के निर्देश दिये ताकि पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से दिव्यांगजनों की पहचान करके लाभान्वित किया जा सके। उन्हांेने बताया कि चालू वित्त वर्ष में जिला ऊना में 5646 दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत अब तक 5 करोड़ 44 लाख 72 हजार रूपये की राशि व्यय की गई है। जिनमें 5588 को राज्य सरकार तथा 58 पेंशनरों को केंद्र सरकार द्वारा लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कम्पयूटर एप्लीकेशन योजना के तहत 18 से 35 आयु वर्ष तक दिव्यांगजनों को पीजीडीसीए/डीसीए में कम्पयूटर प्रशिक्षण के लिए 1800 रूपये मानदेय तथा 1500 रूपये टयूशन फीस भी दी जाती है। इसके अतिरिक्त जिला में अब तक 5822 दिव्यांगजनों के पहचान पत्र पंजीकृत हुए हैं जिनमें से 5386 के यूडीआईडी कार्ड बना दिए गए हैं। एडीसी ने स्पष्ट किया कि आगामी बैठक से पहले सभी शेष मामलों को निपटा लिया जाए।
बैठकों में एडीए प्रमोद नेगी, संयुक्त निदेशक उद्योग विभाग अंशुल धीमान, जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा, डीएसपी अजय ठाकुर, डीपीओ सतनाम सिंह, प्रिंसीपल डाइट राकेश अरोड़ा, जल शक्ति विभाग से हर्षवर्धन, तहसील कल्याण अधिकारी चमन लाल व विवेक कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।