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BSF जवान ने क्यों रची अपनी मौत की झूठी साजिश, SP चंबा ने किया खुलासा

By Sandhya Kashyap

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Summary

 चंबा : चंबा-जोत मार्ग पर गत 29 जून को कार में जिंदा जलने से बीएसएफ जवान की मौत मामले में दिन प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस पहले बीएसएफ जवान अमित राणा को बंगलूरू से जिंदा पकड़कर चंबा लाई है। अब बीएसएफ जवान की ओर से अपनी मौत की ...

विस्तार से पढ़ें:

 चंबा : चंबा-जोत मार्ग पर गत 29 जून को कार में जिंदा जलने से बीएसएफ जवान की मौत मामले में दिन प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस पहले बीएसएफ जवान अमित राणा को बंगलूरू से जिंदा पकड़कर चंबा लाई है। अब बीएसएफ जवान की ओर से अपनी मौत की झूठी साजिश रचने की वजह सामने आई है।  ऑनलाइन गेम की लत ने बीएसएफ जवान को इतना कंगाल बना दिया कि लोन चुकाने से बचने के लिए उसने अपनी मौत की झूठी साजिश रच डाली। ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में उसने बैंक से करीब 40 लाख रुपये का लोन लिया था। जब सारी रकम उड़ा दी तो अपना बैंक बैलेंस देखकर परेशान हो गया। उसने परिजनों को बताने की बजाय इस समस्या से बचने के लिए फिल्मी स्टाइल में अपनी मौत की झूठी साजिश रच डाली। इसका खुलासा चंबा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने किया है। 

चंबा में प्रेस वार्ता में एसपी ने कहा कि बीएसएफ जवान ने ऐसी साजिश रची थी कि शायद ही पकड़ा जाता। जिस दिन कार जली तो उसमें एक बात पुलिस को खटक रही थी कि कार की नंबर प्लेट बिल्कुल सुरक्षित सड़क पर फेंकी गई थी। यह भी संदेह हो रहा था कि जिस तरह कार जली थी, उससे अंदर बैठा चालक इतना नहीं जलता, जितना उस घटना में जल चुका था। अवशेष के नाम पर सिर्फ एक हड्डी वहां मिली थी। यह बीएसएफ जवान ने कहीं से लाकर कार में रखी थी। 29 जून की रात को जिला से बाहर जाने वाली सरकारी बसों के चालकों और परिचालकों से पूछताछ की। इसमें एक बस चालक ने रात को लंबे व्यक्ति की बस में चढ़ने की बात कही। इसको लेकर जब पुलिस ने बस स्टैंड की सीसीटीवी फुटेज खंगालकर देखी तो उसमें उसकी मौजूदगी उन्हें मिली। इससे पुष्टि हो गई कि कार में जवान की मौत नहीं हुई है।

इसके बाद पुलिस ने उसके नजदीकी दोस्तों और रिश्तेदारों की डिटेल निकाली। इसमें उसका एक ट्रक चालक दोस्त पुलिस की अहम कड़ी बना। ऐसे में जवान के उसके साथ होने की संभावना बढ़ गई। पुलिस ने जाल बिछाया। तीन दिन पहले पुलिस को भनक लगी कि वह बंगलूरू में है। ऐसे में चंबा से एएसआई अजय की अगुवाई में हेड कांस्टेबल प्रदीप सिंह व बलविंद्र की टीम को बंगलूरू भेजा गया। उन्होंने बीएसएफ के जवान को बंगलूरू में उसके दोस्त के साथ पकड़ लिया। इसके बाद जवान ने सारी कहानी पुलिस के सामने बयां कर दी। वह चंबा में अपनी मौत की झूठी साजिश रचकर पहले पठानकोट गया। वहां से दिल्ली गया तथा वहां से अहमदाबाद पहुंचा। उसका इरादा दोबारा कभी भी चंबा आने का नहीं था। फिलहाल पुलिस आगामी कार्रवाई कर रही है।