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दशकों से आस लगाए बैठे हैं धरातल पर नहीं उतर सकी उम्मीदों की रेल

By Sushama Chauhan

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उतरप्रदेश: एटा में कुल 29 किमी लंबी एटा-कासगंज रेल लाइन को लेकर दोनों जिले के लोग दशकों से आस लगाए बैठे हैं, लेकिन 2017-18 के बजट में मंजूरी के बाद भी यह आस तक पूरी नहीं हो सकी है। इस बजट से लोगों को उम्मीदें है कि बजट जारी किया जाएगा और काम शुरू हो सकेगा।

एटा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन 1949 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया था। तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री रोहन लाल चतुर्वेदी के प्रयासों से टूंडला से एटा तक रेल लाइन तो बिछ गई। मगर अभी तक यहां से आगे नहीं बढ़ सकी है। इसकी वजह से एटा विकास और परिवहन के क्षेत्र में काफी पीछे है। एटा रेल विस्तार को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अनगिनत आंदोलन किए मगर कोई फायदा नहीं हुआ।

हर बार चुनावी वर्ष में रेल विस्तार का जिक्र होता है, लेकिन परिणाम कुछ नहीं मिल पाता है। केंद्र सरकार ने 2017-18 के आम बजट में स्वीकृति दी थी। इस कार्य के लिए 276.90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। रेल मंत्रालय को यह बजट जारी नहीं किया गया। जिसके चलते परियोजना पर काम शुरू नहीं हो सका।