शिमला : आपदा के बाद पर्यटन कारोबार को हुए नुकसान को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री ने सोशल मीडिया के जरिये सैलानियों से हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख करने की अपील की है। प्राकृतिक आपदा के 20 दिन बाद भी हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल खाली हैं। सैलानियों के न आने से पर्यटन कारोबारी मायूस हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुरक्षित हैं, डरने की जरूरत नहीं हैं। इसलिए यहां घूमने आएं। वीकेंड पर भी शिमला में महज 10 और कसौली में 15 फीसदी ही होटलों के कमरे बुक हुए हैं। कुल्लू मनाली, चायल, डलहौजी में सन्नाटा छाया है। धर्मशाला में भी सैलानी बहुत कम संख्या में पहुंच रहे हैं। काम न होने के चलते होटल कारोबारियों ने अपना स्टाफ छुट्टी पर भेजा है। प्रदेश की आर्थिकी में पर्यटन कारोबार का बड़ा योगदान है। बरसात के मौसम में भी प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर होटलों में करीब 25 से 30 फीसदी तक कमरे बुक रहते हैं, लेकिन आपदा के बाद सैलानियों का आना पूरी तरह बंद हो गया था। इस वीकेंड से सैलानियों का आंशिक आना शुरू हुआ है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि राज्य अब सैलानियों की यात्रा के लिए सुरक्षित है। सैलानी यहां प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जिस तरह कुल्लू-मनाली, मंडी और शिमला में बारिश से नुकसान हुआ है, सरकार उससे बाहर निकलने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट की टीम व सरकार बहाली का कार्य पूरे प्रदेश में मजबूती के साथ काम कर रही है। सरकार पर्यटकों की हरसंभव सहायता करेगी। हिमाचल पर्यटन निगम के सभी होटलों में 15 सितंबर तक कमरों की बुकिंग पर 50 फीसदी की छूट भी दी जा रही है।
उधर, तीन सप्ताह बाद सोलन जिले के पर्यटक स्थलों में पर्यटक दस्तक देने लगे हैं। कसौली में होटलों के कमरों की बुकिंग 15 फीसदी तक पहुंच गई है। चायल में अभी भी दिक्कतें हैं। पड़ोसी राज्यों से वीकेंड पर पर्यटक पहुंचने लगे हैं। इससे पहले दिक्कतें होने पर होटल स्टॉफ को भी छुट्टी पर भेज दिया था।