उत्तरकाशी। बद्रीनाथ और उत्तरकाशी में कई भवन भूस्खलन की जद में आ गए हैं। धीरे-धीरे जमीन खिसक रही है और भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है। बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान महायोजना के तहत चल रहे रिवर फ्रंट के कार्यों से बद्रीनाथ पुराने मार्ग पर कई भवनों को भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है।
अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से बढ़ा खतरा
भवनों के नीचे से धीरे-धीरे जमीन खिसक रही है। रुक-रुककर हो रही बारिश से अलकनंदा का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे मकानों को और भी खतरा बना हुआ है। नदी के समीप स्थित हरि निवास पूरी तरह से भूस्खलन की जद में आने के कारण पीआईयू (प्रोजेक्ट इंप्लीमेंशन यूनिट) की ओर से इसके डिस्मेंटल की कार्रवाई की जा रही है।
जोर-शोर से चल रहा रिवर फ्रंट का काम
बद्रीनाथ मास्टर प्लान में द्वितीय चरण के तहत बद्रीनाथ मंदिर के इर्द-गिर्द 75 मीटर तक निर्माण कार्यों को ध्वस्त किया जा रहा है। अलकनंदा किनारे बद्रीनाथ पुराने मार्ग पर दुकानों और तीर्थ पुरोहितों के मकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। यहां रिवर फ्रंट का काम भी जोर-शोर से चल रहा है।
भूस्खलन की चपेट में 40 मकान
नदी किनारे स्थित मकानों और धर्मशालाएं अब भूस्खलन की चपेट में आने लगी हैं। मास्टर प्लान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जमुना प्रसाद रैवानी ने बताया कि तप्तकुंड से लेकर नारायणपुरी मंदिर तक 40 मकान ऐसे हैं जो पूरी तरह से भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं।