उत्तराखंड की फास्ट्रैक कोर्ट ने युवा क्रिकेटर को 10 साल की सजा सुना दी। क्रिकेटर के ऊपर एक किशोरी को आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप लगा था। दोषी करार होने के बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। साथ ही कोर्ट ने 10 हज़ार रूपए का जुर्माना भी लगाया। फ़िलहाल युवक को जेल की सलाखों के पीछे है।
किशोरी ने कमरे में लगाई फांसी
बता दें की नौ दिसंबर 2017 को किशोरी ने कमरे में फांसी लगा ली थी। जिसके बाद क्लेमेंटटाउन थाने में 15 दिसंबर को मुकदमा दर्ज हुआ। किशोरी के परिवार वालों ने सुमित नाम के क्रिकेटर पर बेटी की मौत का आरोप लगाया। परिजनों ने बताया की जब उन्होंने बेटी के कमरे की छान बीन की। तब उन्हें सुमित के बारे में पता चला।
क्लेमेंटटाउन निवासी है सुमित
उन्हें पता चला की किशोरी की भारूवाला, क्लेमेंटटाउन के निवासी सुमित जुयाल से बातचीत होती थी। किशोरी के फ़ोन में आखिरी चैट सुमित के साथ ही पाई गई। जिसमें लिखा था की तुम कभी नहीं सुधरोगे बाय। इसके साथ ही बेटी की डायरी में भी सुमित का जिक्र था।
ब्लैकमेल कर करता था पैसो की मांग
उत्तराखंड की सीनियर क्रिकेट टीम का सुमित खिलाड़ी था। वो किशोरी को खेल में प्रतिभाग के लिए जगह-जगह ले जाने के बहाने से शहर के बाहर लेकर जाता था। किषोरी का शोषण कर उसे ब्लैकमेल करता था। साथ ही पैसों की मांग कर रहा था।
शुरूआती जांच के आधार पर पुलिस ने सुमित के खिलाफ केस दर्ज किया। साथ ही उसे गिरफ्तार भी किया। परिजनों ने केस से जुड़ें 10 गवाह पेश किए। गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सुमित को दोषी करार दिया और सजा सुनाई।
कमरे से मिली सुमित की आईडी
पुलिस को सुमित के कमरे से काफी सबूत मिले। पुलिस को लेटर मिले जो सुमित किशोरी को खेलों में प्रतिभाग करने के लिए भेजा करता था। लेटर में टीचरों के नाम लिखे थे। जिससे किशोरी के परिवार वालों को लगता था की उनकी बेटी किसी महिला टीचर के साथ बाहर जा रही है।
इस बहाने से सुमित किशोरी को दिल्ली, मसूरी आदि जगहों पर ले जाय करता था।इसके अलावा किशोरी के कमरे से दिल्ली में एक होटल के बिल, सुमित की आईडी आदि भी पाए गए थे। किशोरी ने अपनी डायरी में भी सुमित पर बहुत सारे इलज़ाम लगाए थे। बता दें की लेटर की लिखावट की फॉरेंसिक जांच भी हुई थी।