हाल ही में मोदी सरकार ने एक नई पेंशन नीति को मंजूरी दी है, जिसका नाम “यूनिफाइड पेंशन स्कीम” (UPS) रखा गया है। यह नई पेंशन नीति पुराने पेंशन नीति से काफी अलग है और इसका उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को बेहतर पेंशन लाभ प्रदान करना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए इस नीति के बारे में जानकारी दी। उनके अनुसार, इस नई नीति से लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा।
इस नई पेंशन योजना में कर्मचारियों की पेंशन का निर्धारण उनके सेवा अवधि पर आधारित होगा। अगर कोई कर्मचारी 25 साल तक नौकरी करता है, तो उसे सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों के दौरान प्राप्त होने वाले बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा, अगर किसी पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार के सदस्य को उस समय पेंशनभोगी को मिलने वाली पेंशन का 60% पेंशन के रूप में प्राप्त होगा। अगर कोई कर्मचारी 10 साल की सेवा के बाद नौकरी छोड़ता है, तो उसे हर महीने 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।
रेल मंत्री के अनुसार, इस नई पेंशन योजना से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। कर्मचारियों को यह विकल्प भी दिया जाएगा कि वे “नेशनल पेंशन स्कीम” (NPS) या “यूनिफाइड पेंशन स्कीम” (UPS) में से किसी एक को चुन सकते हैं। अगर वे यूनिफाइड पेंशन स्कीम चुनते हैं, तो उन्हें महंगाई के बढ़ने के साथ-साथ पेंशन में भी वृद्धि का लाभ मिलेगा। जो कर्मचारी पहले से नेशनल पेंशन स्कीम के तहत हैं, वे भी इस नई योजना का लाभ उठा सकते हैं अगर वे इसमें शामिल होना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह नई पेंशन नीति 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। नई पेंशन नीति का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को एक सुरक्षित और स्थिर पेंशन प्रणाली प्रदान करना है जो उनकी सेवा के दौरान दिए गए योगदान के साथ मेल खाती हो। इसके अलावा, यह नीति कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने का अवसर देती है कि उनकी पेंशन उनके परिवार के लिए भी एक स्थिर आय का स्रोत हो, खासकर पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद।