सुंदरनगर : हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष निर्मल सिंह धीमान, महासचिव लाजेश धीमान और मीडिया प्रभारी प्रकाश चंद ने कहा कि प्रदेश सरकार ने यदि 2555 एसएमसी शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाई तो सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल होगी।
24 नवंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सुनाया था कि एसएमसी शिक्षकों की भर्तियां 17 जुलाई 2012 की नोटिफिकेशन के अनुसार तब तक सही हैं। जब तक इन शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षक नहीं पहुंच जाते।
सत्ता पक्ष जनता को यह कह कर गुमराह कर रहा है कि एसएमसी शिक्षक केवल दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सच यही है कि 2555 एसएमसी शिक्षक प्रदेश के हर जिला में तैनात हैं। 17 जुलाई 2012 की नोटिफिकेशन के अनुसार सरकार और एसएमसी कमेटियों को स्कूलों में हर शैक्षणिक सत्र के पश्चात एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नए शिक्षक तैनात करने थे, क्योंकि यह एक अस्थायी व्यवस्था थी।
ज्ञात रहे सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 17 जुलाई 2012 की नोटिफिकेशन का हवाला दे रखा है। 2555 एसएमसी शिक्षकों की भर्ती न तो कमिशन से हुई है और न बैचवाइज हुई है। इसलिए यह भर्ती बैकडोर है। ऐसी भर्तियों के कारण 1999 बैच का पात्र उम्मीदवार अभी भी बेरोजगार है। जबकि 2012 बैच का अपात्र उम्मीदवार बिना कमीशन पास किए नौकरी ले गया है।