शिमला : जिला अदालत चक्कर ने चिड़गांव निवासी अजय कुमार को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाया है। विशेष न्यायाधीश प्रताप सिंह ठाकुर ने दोषी फूफा को 25 साल कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने पीड़ित को छह लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश भी दिए हैं। मुआवजे की राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला की ओर से अदा की जाएगी।
मामले के अनुसार फरवरी 2019 को पीड़ित अपनी बुआ के घर गई थीं। उसकी बुआ और फूफा नए मकान के निर्माण कार्य को देखने गए थे। पीड़ित के फूफा ने उसे बताया कि वह घर का कुछ सामान लेने जा रहा है। पीड़ित को साथ लेकर उसने अपने किराये के मकान में दुष्कर्म किया और घटना की जानकारी किसी को नहीं देने की धमकी दी।
डर से सहमी पीड़ित ने यह बात किसी को नहीं बताई। कुछ दिनों बाद आरोपी पीड़ित के घर आया और उसे अकेला पाकर फिर से दुष्कर्म किया। उसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि पीड़ित ने बच्चे को जन्म दिया है और शौचालय के बाहर फेंक दिया।
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने दोषी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 और 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ साक्ष्य जुटाए और विशेष अदालत शिमला के समक्ष अभियोग चलाया। अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए गवाहों के बयान और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज पेश किए। अदालत ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है।