NEET परीक्षा में हुई विवाद के बाद, देश को एक और झटका लगा है जब UGC NET परीक्षा को संभावित प्रश्न पत्र लीक के कारण रद्द कर दिया गया। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रश्न पत्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर ₹5,000 से ₹10,000 तक की कीमत पर बेचा जा रहा था।
न्यूज़ 18 ने बताया कि परीक्षा से पहले टेलीग्राम समूहों में प्रश्न पत्र के स्क्रीनशॉट साझा किए जा रहे थे। शिक्षा मंत्रालय ने जांच की और पुष्टि की कि लीक हुए प्रश्न वास्तविक परीक्षा के प्रश्नों से मेल खाते हैं। इसके चलते, निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया। लीक का स्रोत अभी स्पष्ट नहीं है, हालांकि जांच में टेलीग्राम को प्रश्नों के वितरण के प्लेटफॉर्म के रूप में देखा जा रहा है। पहले से ही एनईईटी विवाद को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NTA की प्रणाली में खामियों को स्वीकार करते हुए कहा कि लीक डार्क वेब पर हुआ। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने परीक्षा के अगले दिन पाया कि लीक हुआ प्रश्न पत्र वास्तविक परीक्षा से मेल खाता है। मंत्री ने सरकार की पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया और अनियमितताओं के कारण परीक्षा को रद्द करने के निर्णय को सही ठहराया। उन्होंने टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों की निगरानी की चुनौतियों को भी उजागर किया।
इस घटना ने छात्रों के बीच निराशा और चिंता को बढ़ा दिया है। छात्र जो महीनों से तैयारी कर रहे थे, अब फिर से परीक्षा देने के लिए मजबूर होंगे। एक छात्र ने कहा, “यह बहुत निराशाजनक है। हमने अपनी पूरी तैयारी इसमें झोंक दी थी और अब हमें फिर से शुरुआत करनी होगी।” छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों ने भी इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और सख्त सजा दी जाए।
इसके अलावा, इस घटना ने परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से न केवल छात्रों का मनोबल गिरता है, बल्कि परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी असर पड़ता है। सरकार को चाहिए कि वह तकनीकी सुरक्षा को और मजबूत करे और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा। छात्रों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी तैयारी जारी रखें और किसी भी अफवाह या गलत जानकारी पर ध्यान न दें।
अंततः, यह घटना भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक गंभीर चेतावनी है और इसे ध्यान में रखते हुए भविष्य में ऐसे लीक को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा ताकि छात्रों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ न हो सके और परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता बनी रहे।