बिलासपुर : बरमाणा एसीसी प्लांट बंद करने के विरोध में सोमवार को एक बार फिर ट्रक ऑपरेटरों का गुस्सा फूट पड़ा। सोमवार को ट्रक ऑपरेटरों ने प्लांट के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। ट्रक ऑपरेटरों को सीटू और इंटक की प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का भी साथ मिला। ट्रक ऑपरेटरों और स्थानीय महिला मंडलों ने जिला ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा (बीडीटीएस) के भवन से प्लांट के गेट तक रैली निकाली। गेट पर करीब दो घंटे तक धरना दिया।
बीडीटीएस के पूर्व प्रधान लेखराम वर्मा ने अदाणी ग्रुप के निर्णय को गलत बताया। है। कहा कि गैर कानूनी ढंग से प्लांट में ताला लगाया गया है, जबकि किसी भी कारखाने को बंद करने से पहले फैक्ट्री एक्ट 1947 के तहत के तहत पहले मामला सरकार के पास ले जाना पड़ता है। यदि सरकार अनुमति नहीं देती है तो कार्यवाही कानूनी तौर पर गलत मानी जाती है। वर्तमान सरकार ने इन कंपनियों को प्रदेश में सीमेंट के दाम कम करने के निर्देश दिए थे, इसी कारण इन्होंने प्लांट बंद कर दिया।
इंटक के कार्यकारी राज्य अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता भगत सिंह वर्मा ने कहा कि एसीसी ने साल 1984 में भी एक कंपनी को ढुलाई का कार्य दिया था। उस समय भी ऑपरेटरों और लोगों के विरोध के कारण कंपनी को भागना पड़ा था। उस समय बीडीटीएस और एसीसी के बीच किराया बढ़ोतरी के लिए समझौता हुआ था।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि एसीसी सीमेंट कारखाना 1983 से काम कर रहा है। अब अदाणी समूह ने जो निर्णय लिया है, वह ट्रक ऑपरेटरों और लोगों के हित में नहीं है। एसीसी और अंबुजा प्लांट सीमेंट को जल्द शुरू न किया गया तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने सरकार से भी मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।
वर्तमान में बीडीटीएस 11.40 पैसे के हिसाब से किराया ले रही है, जबकि मैदानी क्षेत्रों का किराया छह रुपये है। अदाणी समूह ट्रक ऑपरेटरों पर छह रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया लेने का दबाव डाल रहा है। पूर्व विधायक केके कौशल ने कहा कि इससे पहले भी कई बार संघर्ष कर लोगों के हितों की रक्षा की है। अधिवक्ता श्याम लाल ठाकुर, मोती लाल, रणदीप परमार, शेर सिंह और बीडीटीएस के सदस्यों ने भी संबोधित किया।