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गिरिपार में खूनी सड़कों का सफर दे रहा है हादसों को न्यौता, प्रशासन बना बैठा है बेखबर

By Sandhya Kashyap

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Summary

राजपुर (संजीव कपूर) : पांवटा उपमंडल के गिरिपार क्षेत्र की आंज भोज की तकरीबन 11  पंचायतों की सड़कों की हालात बद से भी बद्तर  हो गई है। आंज भोज एवमं शिलाई क्षेत्रों की भौगौलिक परिस्थितियों में एक समानता है। पिछले एक सप्ताह में शिलाई में सड़क हादसों में 5 लोगों की ...

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राजपुर (संजीव कपूर) : पांवटा उपमंडल के गिरिपार क्षेत्र की आंज भोज की तकरीबन 11  पंचायतों की सड़कों की हालात बद से भी बद्तर  हो गई है। आंज भोज एवमं शिलाई क्षेत्रों की भौगौलिक परिस्थितियों में एक समानता है। पिछले एक सप्ताह में शिलाई में सड़क हादसों में 5 लोगों की मौत और 19 लोग घायल हो चुके हैं। आंज भोज में 11 पंचायतों में राजपुर, अम्बोया, डण्डा-पागर, भरली-आगरों ,नघेता, भैला, टॉरुं-डण्डाआंज, शिवा, बनोर,भड़ाना,शामिल है। जिनकी लगभग किसी भी सड़क पर क्रेश बैरियर नही लगे हुए हैं इस परिस्थिति में हादसों को टालना लगभग नामुमकिन है।

आंज भोज में रहने वाले नघेता पंचायत के अधिवक्ता रविन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि वो रोज इस सडक़ पर अपनी निजी गाड़ी से सफर करते हैं। उनकी नई गाड़ी इन गड्ढों के कारण खड़क (टूट)चुकी है मजबूरन उनको अब नई गाड़ी के लिए पैसा खर्च करना होगा। राजपुर पंचायत के कांगड़ा निवासी खत्री राम ने बताया कि सरकार शायद हादसे होने का इन्तज़ार कर रही है। पिछले कई सालों से इस सड़क पर कोई भी पक्का करने के लिए कोई भी टेंडर प्रक्रिया जारी नही हुई है। डण्डा पंचायत के निवासी सुभाष ने बताया कि उनका मकान सड़क के साथ लगता हुआ है। धूल मिट्टी के कारण थाली में रखा भोजन भी नही खाया जाता है। अम्बोया पंचायत के निवासी अनुराग शर्मा ने बताया कि इन सड़कों को सड़क नही अपितु गड्डों का जाल कहना चाहिए क्योंकि यहाँ सड़कें कम गड्डे ज्यादा है।

गौरतलब है कि  इस सड़क पर बनोर माइन से सैंकड़ो की संख्या में चुना पत्थर के भारी भरकम ट्रक चलते हैं जो ओवरलोड होकर इन सड़कों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिस पर माइन विभाग भी बेख़बर है। इन वाहनों के कारण धूल और मिट्टी का आलम इतना है कि सड़कों पर छोटे वाहनों का चलना दूभर हो चुका है। खासकर मोटरसाइकिल सवारों के लिए सड़कों के किनारे गड्डो के कारण साइड लेना भी दुर्लभ हो गया है हालांकि विभाग ने सड़कों के किनारे पर बजरी बिछा कर पल्ला झाड़ लिया है।धूल और मिट्टी का आलम इतना है कि सड़क के साथ लगती पतियों को पशु भी नही खा पा रहे हैं। पुरुवाला से लेकर अम्बोया राजपुर नघेता, बनोर तक की सड़कों पर सफर करना ख़तरों से खाली नहीं है। जगह जगह पर गड्डे ही गड्डे हैं जो हादसों को न्योता दे रहे हैं। जैसे ही पुरुवाला से आंज भोज की सड़क शुरू होती है वैसे ही पता चल जाता है कि हम आंज भोज की सड़कों पर सफर कर रहे हैं।

उधर इस मामले में अधिशासी अभियंता वी. के. अग्रवाल ने बताया कि मार्च में इस रोड के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी कर दी जाएगी ताकि इन हादसों से निजात पाने में मदद मिल सके।