सिर्फ तीन दिन ही आती है 3 दिन फील्ड में
पांवटा साहिब (संजीव कपूर) : राजपुर स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाला टॉरुं-भैला का उप-स्वास्थ्य केंद्र का अपना भवन एवं कर्मचारियों के रहने वाला भवन बदहाली के आंसू बहा रहा है। स्वास्थ्य केंद की बिल्डिंग इतनी पुरानी हो चुकी है कि कभी भी गिर सकती है। भवन की खिड़कियां,दरवाजे, दीवारों का पलस्तर टूट चुका है। कर्मचारियों के रहने वाले भवन का बिल्कुल ही बुरा हाल है जिस कारण अब उसमें कोई नहीं रहता है। इस भवन की सरकार ने आज तक कोई सुध नहीं ली है। यह स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र की लगभग 10 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाती है जिसमें नघेता, भरली, टॉरुं भेला कलाथा,बढ़ाना, बोबरी, बरोटीवाला, बेलदार, आदि दर्जनों गांवों शामिल हैं। यहां पर फीमेल हेल्थ वर्कर की 2 पोस्ट खाली है जिसमें से यहाँ मात्र एक फीमेल हेल्थ वर्कर आती है जो 3 दिन तक यहां बैठतीं है शेष तीन दिन वो फील्ड की जॉब करती है।
क्या कहते हैं लोग
1.टॉरुं पंचायत के प्रधान कमला देवी कहा कि हम जब भी कोई सरकार का नुमाइंदा आता है हर बार हम सभी को इस स्वास्थ्य केंद्र की समस्या बारे में अवगत कराते हैं। नुमाइंदे समाधान का आश्वासन भी दे जाते हैं लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ नहीं हुआ। हमारे क्षेत्र का एक डेलिगेशन उपायुक्त महोदय से भी मिला था।
2.नघेता निवासी अधिवक्ता रवींद्र शर्मा ने बताया कि आंज भोज की लगभग पंचायत के लोगों को यह केंद्र केंद्र नजदीक पड़ता है सरकार को लोगों की समस्या को देखते हुए इसकी सुध लेनी चाहिए।
3.पत्रकारिता से जुड़ी राधा शर्मा ने बताया कि हम बचपन से देखते आए हैं कि इस भवन की कभी भी मुरम्मत नहीं हुई। जिस कारण ये गिरने के कगार पर है। जब सरकार स्वास्थ्य पर इतना बजट खर्च करती हैं तो जिसकी सुध क्यों नहीं लेती।
4.पूर्व BDC चेयर मैन रमेश तोमर ने बताया कि बीजेपी सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति बदृढ़संकल्प है। मैने व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए प्रयास किये हैं।शीघ्र ही माननीय ऊर्जा मंत्री से मिलकर इसका समाधान निकाला जाएगा।
5.भैला पंचायत के युवा प्रधान मनीष तोमर ने बताया कि हमने कई बार सरकार को इस उप स्वास्थ्य केंद्र के बारे में सरकार को कहा हमने गाँव वासियों के साथ उपयुक्त महोदय को भी अवगत करवाया था लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ।
उधर इस पूरे मामले में बी एम ओ अजय देओल ने बताया कि इसके पूरे हालात की जानकारी हमने सरकार को लिखित रूप से दी है।अभी वहाँ नियमित रूप से फीमेल हेल्थ वर्कर सेवाएँ दे रही है शीघ्र ही इसकी स्थायी समाधान तलाशा जाएगा।