विश्व पर्यावरण दिवस: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। पर्यावरण को बचाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है और विश्व पर्यावरण दिवस उसी के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से मनाया जाता है।
दूषित पर्यावरण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारन बनता है, जिनमें एक भयंकर और जानलेवा कैंसर भी है। गर्भ से लाकर वृद्धावस्था तक दुनिया भर के लोग दूषित भोजन, हवा, पानी और रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के संपर्क में आते हैं, जिनसे कई तरह के कैंसर के खतरा होता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने अध्ययन (Ref) के अनुसार, पर्यावरण के गंदे होने से ऐसे 54 यौगिक पैदा हो गए हैं, जो लोगों में कई प्रकार के कैंसर का कारण बनते हैं। चलिए जानते हैं कि पर्यावरण को गंदा करके आप खुद को और और दूसरे लोगों को किन-किन तरह के कैंसर के मुंह में धकेल रहे हैं।
दूषित पर्यावरण से होने वाले कैंसर
- ब्लड कैंसर
- स्किन कैंसर
- लिवर कैंसर
- ब्लैडर कैंसर
- लंग कैंसर
- ब्रेस्ट कैंसर
बेंजीन है खतरनाक
गंदे और दूषित पर्यावरण की सबसे खतरनाक पैदाइश बेंजीन है। यह एक ऑर्गनिक कंपाउंड है, जो leukemia यानी खून के कैंसर की वजह बन सकता है। यह पानी और हवा के जरिए शरीर में पहुंचकर कैंसर का कारण बनता है।
रेडॉन गैस
कई घरों में पाई जाने वाली नैचुरल रेडियोएक्टिव गैस रेडॉन फेफड़ों के कैंसर के खतरे को बढ़ाती है। रेडॉन गैस वहां ज्यादा बनती है जहां घर में किसी दीवार से पानी रिस रहा या दीवार फट गई है।
आर्सेनिक
यह एक रासायनिक तत्व है, जिसका इस्तेमाल कई दवाएं बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से मिटटी या पानी में भी पाया जाता है। यह खतराक रसायन स्किन, लिवर, ब्लैडर और लंग कैंसर से जुड़ा हुआ है।
इनके अलावा पर्यावरण के साथ हो रही छेड़खानी की वजह से कई जहरीले रसायन और तत्व पैदा हो रहे हैं, जो खतरनाक कैंसर का कारण बनते हैं, इनमें एस्बेस्टस, हेक्सावेलेंट क्रोमियम, एफ्लाटॉक्सिन और विनाइल क्लोराइड आदि शामिल हैं।