डेस्क: हमारा शरीर का बहुत बड़ा हिस्सा पानी है और यह पांच तत्वों में से भी एक है। शुद्ध पानी में इतनी ताकत होती है कि वो आपकी किसी भी बीमारी को दूर कर सकता है। इसलिए आयुर्वेद में सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने के फायदे बताए गए हैं।
आयुर्वेदिक ऋषि भाव मिश्र ने 16वीं शताब्दी में गुनगुना पानी पीने का सही वक्त और मात्रा बताई थी। वर्तमान में सभी लोग इसे गलत तरीके से पी रहे हैं। इसकी जानकारी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. वारालक्ष्मी ने अपने पोस्ट में दी है।
खाली पेट पीना चाहिए इतना पानी
सुबह खाली पेट पानी पीने को आयुर्वेद में उषापान कहा जाता है। आचार्य भाव मिश्र ने बताया था कि आपको खाली पेट 8 prasruthi यानी 640 मिलीलीटर गुनगुना पानी पीना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए यह बहुत बढ़िया तरीका है।
पानी पीने का सही वक्त
आयुर्वेदिक आचार्य ने उषापान के सही वक्त के बारे में भी जानकारी दी थी। डॉक्टर के मुताबिक, उन्होंने इस प्रक्रिया के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय या सूरज उगने से पहले का टाइम सुझाया था। लेकिन आज की लाइफस्टाइल में इस वक्त तक उठना सभी के लिए नामुमकिन है।
गलत तरीके से पी रहे हैं पानी
डॉक्टर वारालक्ष्मी कहती हैं कि आजकल अधिकतर लोग सुबह 6 से 10 बजे के बीच उठते हैं। आयुर्वेद इसे कफ काल कहता है और इस दौरान हमारा मेटाबॉलिज्म काफी कमजोर होता है। इसलिए इस टाइम इतना सारा पानी पचाना मुश्किल काम है।
खाली पेट ज्यादा पानी पीने के नुकसान
- ब्लोटिंग
- पेट दर्द
- गैस
- एसिडिटी
ये है उपाय
- सूरज उगने से पहले उठने की कोशिश करें
- गुनगुने पानी की मात्रा छोटे गिलास तक सीमित रखें
- अपनी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं