शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के टूटू के पास बंदरों के आतंक के चलते युवती की मौत पर कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि वह बंदरों को वर्मिन घोषित करने पर स्थिति स्पष्ट करे।
मामले की गम्भीरता के दृष्टिगत कोर्ट ने केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया है। इसके अलावा प्रधान सचिव वन, उपायुक्त शिमला, आयुक्त नगर निगम और डीएफओ वन्य जीव को प्रतिवादी बनाया गया है। हिंदी दैनिक समाचारों में प्रकाशित खबर पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
खबर के अनुसार शिमला में उत्पाती बंदरों के हमले में एक और जान चली गई। शहर के ढांडा क्षेत्र में सोमवार को बंदरों के हमले के कारण एक युवती अपने घर की तीसरी मंजिल से गिर गई।
युवती को आईजीएमसी ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इससे पहले कई लोग इसी तरह की घटना के चलते अपनी जान गंवा बैठे है। मामले पर आगामी सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है।