शिमला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इकाई अध्यक्ष गौरव कुमार बयान जारी करते हुए कहा है कि आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने अतिथि शिक्षकों की भर्ती के फैसले का विरोध करते हुए इसे वापिस लेने हेतु विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति के माध्यम से मुख्यमंत्री व शिक्षा को ज्ञापन भेजा । उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के अनुसार प्रदेश में स्कूल और कॉलेजों में पीरियड आधार पर 2600 अतिथि शिक्षकों की भर्ती होगी शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में दुर्गम, जनजातीय सहित तमाम क्षेत्रों में रिक्तियों को भरने के लिए यह फैसला प्रदेश सरकार ने लिया है ।
प्रदेश सरकार स्कूल व कालेजों में अतिथि शिक्षक (गेस्ट फैकल्टी ) की नियुक्ति करने की तैयारी में है। छठी कक्षा से कॉलेज तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा इन्हें दिया जाएगा। यह फैसला शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया वह मुख्यमंत्री ने विभाग को इसका प्रस्ताव बना कर मंत्रिमंडल को सौंपने के निर्देश दिए है |
विद्यार्थी परिषद का कहना है की गैप अरेंजमेंट के नाम पर स्कूली स्तर से कॉलेज स्तर तक अब अतिथि शिक्षकों के भरोसे छात्रों को पढ़ाया जाएगा कही न कही इस कारण शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों वह सालों की मेहनत के बाद नेट, सेट की परीक्षा को उत्तीर्ण कर अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के स्वपन लिए युवाओं के साथ धोखा है , अतिथि शिक्षक के नाम पर प्रदेश के हजारों युवाओं को उनकी शिक्षा पूर्ण करने के बाद में स्थाई तौर से रोजगार ना दे पाना और चुनाव के पहले प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार के सपने दिखाना कही न कही आज हिमाचल सरकार का असली चेहरा हिमाचल वासियों के सामने आ चुका है |
एक तरफ तबादले या सेवानिवृत्ति से खाली हुए पदों पर अतिथि शिक्षक को नियुक्त किए जाने की बात की जा रही है। वही दूसरी तरफ हिमाचल के विश्वविद्यालय के अंदर ऐसे हजारों छात्र जो सालों की मेहनत के बाद नौकरी पाने का एक मौका खोज रहे हैं निश्चित रूप से अतिथि शिक्षक भर्ती की खबर से ऐसे सभी युवाओं के अंदर की पीड़ा सरकार के खिलाफ सड़कों पर आने के लिए तैयार बैठी है |
*नए बदलाव वह व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर युवाओं में बड़ रहा रोष*
*प्रदेश के युवा की आवाज ऐसा व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए*
हिमाचल में जब से वर्तमान की सरकार आई है उस समय से ही चाहे वह व्यवस्था परिवर्तन ने नाम पर हो चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग करना हो इन सभी निर्णयों से यह साफ दिखता है की प्रदेश के शिक्षा को किराए में देने का प्रयास हो रहा है ,वह बिना किसी लंबी सोच के प्रदेश सरकार अपना समय निकालने की मंशा से कार्य कर रही है |
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल सरकार को चेतावनी देते हुए यह कहना चाहती है की इस प्रकार के छात्र वह युवा विरोधी फैसलों को लेने से पहले प्रदेश के भविष्य के बारे में सोचा जाना चाहिए वह इस प्रकार के किसी भी फैसले का विद्यार्थी परिषद कड़ा विरोध करती है |