शिमला: प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार को कुल्लू, किन्नौर, लाहौल और भरमौर की चोटियों पर बर्फबारी हुई है। शिमला, कांगड़ा और मनाली में झमाझम बारिश हुई है। प्रदेश में मंगलवार को भी बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। सात मई तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगह आंधी से फल और फूल झड़ गए हैं। सेब और आडू की सेटिंग भी बिगड़ रही है। निचले हिमाचल में बारिश से गेहूं को नुकसान हुआ है। कई जगह फसल गिली हो गई है। थ्रेसिंग समेत खरीद प्रक्रिया भी कुछ क्षेत्रों में रुक गई है। अप्रैल और मई की बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम के बिगड़े मिजाज से तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मई में भी शीतलहर चल रही है। बदले मौसम से लोग सर्दी-जुकाम और बुखार की चपेट में आ रहे हैं।
राजधानी शिमला में रविवार देर रात को शुरू हुई बारिश का दौर सोमवार को दिन भर जारी रहा। रविवार को शिमला में जहां 54 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी, वहीं सोमवार को यह आंकड़ा बढ़कर 58 मिलीमीटर पहुंच गया। रोहतांग दर्रा, सेवन सिस्टर पीक, मनाली पीक, मनालसु पीक, हनुमान टिब्बा, देउ टिब्बा में दोपहर बाद बर्फ के फाहे गिरने का दौर जारी रहा। इससे सेब, प्लम, नाशपाती के साथ अनार को भी नुकसान हुआ है। फलों की फ्लावरिंग के साथ सेटिंग पर सबसे अधिक असर पड़ रहा है। चंबा के कबायली क्षेत्र भरमौर की चोटियों पर पांच से छह सेंटीमीटर तक ताजा बर्फबारी हुई है। मूसलाधार बारिश के चलते जनजातीय क्षेत्र पांगी के सेरी करयूनी में 25 केवी क्षमता के ट्रांसफार्मर समेत बेदान, तुदांह, बनौटू, नगोड़ी, माकन और काचला में ट्रांसफार्मर बंद होने से दर्जन भर गांवों में अंधेरा पसरा रहा।
भरमौर-पठानकोट हाईवे पर धरवाला के पास पेड़ गिरने से हाईवे पर करीब आधा घंटा बंद रहा। जिले में बारिश ने कृषि विभाग को 55 लाख और उद्यान विभाग को 83 लाख की चपत लगाई है। सिरमौर के ऊपरी इलाकों में बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। राजगढ़ और नौहराधार इलाकों में सेब, आडू, प्लम, खुमानी व नाशपाती को क्षति हुई है। इन क्षेत्रों में 1250 हेक्टेयर भूमि पर फलदार पौधे लगे हैं। लगातार बारिश व ओलावृष्टि से लुढ़के पारे में फलों की सेटिंग प्रभावित हो रही है। ऊपरी क्षेत्रों में गेहूं की कटाई व थ्रेसिंग का काम रुक गया है। मंडी जिले में सेब के साथ-साथ गुठलीदार फलों को 4.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गोभी, मटर, फ्रासबीन और नगदी फसलें बारिश और ठंड से प्रभावित हुई हैं। कांगड़ा में धौलाधार की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी हुई है।
हमीरपुर जिले में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कृषि और बागवानी विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस बेमौसमी सीजन के दौरान विभिन्न फसलों को 29.35 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है। रामपुर की नरेण पंचायत में रविवार शाम को ओलावृष्टि से मटर और सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। सोलन जिले में किसान लहसुन की फसल निकालने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इससे अब मंडी में भी लहसुन करीब दस दिन बाद ही पहुंच पाएगा। किसानों को लहसुन के अच्छे दाम न मिलने की चिंता सताने लगी है। रविवार रात को केलांग में न्यूनतम तापमान 4.2, कुकुमसेरी में 5.4, कल्पा में 6.8, कुफरी में 7.1, धर्मशाला में 8.4, डलहौजी में 8.8, शिमला में 8.9, मनाली में 10.8 और ऊना में 17.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है।