उतरप्रदेश: बरेली में आईएमसी के प्रस्तावित प्रदर्शन को रोकने के लिए शुक्रवार को इस्लामिया मैदान की सुरक्षा व्यवस्था अभेद है। 1400 पुलिसकर्मी मैदान की घेराबंदी में तैनात किए गए हैं। छह एएसपी और 12 सीओ भी लगाए गए हैं। 50 इंस्पेक्टर और 150 दरोगा भी मुस्तैद रहेंगे। आपात स्थिति से निपटने के लिए चार कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ की भी तैनाती की गई है। सुरक्षा व्यवस्था प्रभारी एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि उच्चाधिकारियों से फोर्स के लिए अनुरोध किया गया था। दूसरे जिलों से 700 पुलिसकर्मी मिले हैं। जिले की फोर्स को प्वाइंट बनाकर तैनात किया गया है। दंगा नियंत्रण का सामान व आंसू गैस संबंधी संसाधन पर्याप्त मात्रा में हैं। कॉलेज परिसर में किसी कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई है। इस लिहाज से उसे सील कर दिया गया है। रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक, दूसरे जिलों से लगी सीमा पर बैरियर लगाकर देखा जाएगा कि अवैध आयोजन में शामिल होने भीड़ तो नहीं आ रही है। ऐसे लोगों को वापस भेजा जाएगा। वह अड़े तो कार्रवाई की जाएगी। जिले के कस्बों व बड़े गांवों में वहां की पुलिस को निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। वहां से कोई आया तो कार्रवाई होगी। पुलिस-प्रशासन ने बुधवार को मौलाना तौकीर रजा समेत 30 लोगों को रेड नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। पुलिस अब इसी को कार्रवाई का आधार मान रही है। अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को माहौल बिगड़ा तो इन्हीं लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान के नेतृत्व में पुलिस ने बृहस्पतिवार रात बिहारीपुर की मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में गश्त की। पुलिस, पीएसी व आरएएफ के साथ घुड़सवार पुलिस की टुकड़ी भी शामिल रही। अधिकारियों ने तंग गलियों में घूमकर लोगों से बात कर उन्हें सुरक्षा का अहसास कराया। एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई है। संवैधानिक तरीके से बात रखने का सबको अधिकार है, सड़क पर उतरकर किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो पुलिस सख्ती से निपटेगी। शुक्रवार दोपहर संबंधित क्षेत्र में जाने से लोग बचें तो बेहतर होगा। पुलिस प्रयास करेगी कि किसी नागरिक को कोई समस्या न हो।