शिमला : प्रदेश हाई कोर्ट ने रेणुका डैम प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की मुआवजा राशि के वितरण में हेराफेरी के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित की है।
न्यायाधीश संदीप शर्मा ने एसपी सिरमौर की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया है। इस टीम में डीएसपी ददाहु, डीएसपी राजगढ़ व डीएसपी संगड़ाह भी शामिल होंगे। मामले के अनुसार एचपीपीसीएल ने रेणुका डैम प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार बीघा से अधिक भूमि अधिगृहित की है। इसके लिए भू-मालिकों को लगभग 2500 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा अदा किया जाना है।
मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि रेणुका जी क्षेत्र में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए भारी धन राशि का आकलन मुआवजे के रूप में गरीब और अनपढ़ भू-मालिकों को देने के लिए किया गया। रेणुका जी डैम प्रोजेक्ट की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कुछ दलालों ने वकीलों और राजस्व कर्मियों सहित बैंक कर्मियों से मिलीभगत कर वास्तविक भू-मालिकों के साथ घोटाला किया है और गरीबों की भारी रकम हड़प ली है।
वास्तविक भू-मालिकों को यह भी नहीं बताया गया कि उनकी भूमि का कितना मुआवजा उनके पक्ष में तय हुआ है। इतना ही नहीं फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाकर और अदालतों में फर्जी आवेदन दायर कर मुआवजा राशि निकलवा लेने के आरोप भी कुछ भू-मालिकों ने लगाए हैं। कोर्ट ने इन सभी तथ्यों के मद्देनजर पूरे घोटाले की व्यापक जांच दो महीने में पूरी कर सील्ड कवर में कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश जारी किए।