HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

Sirmaur : तीन दिवसीय बिशू मेला सरी संपन्न, शिरगुल महाराज के नाम पर लगता है मेला

By Sandhya Kashyap

Published on:

Summary

Sirmaur : मेले का मुख्य आकर्षण क्षेत्र का पांरपरिक तीर कमान का खेल ठोडा रहा Sirmaur : उप तहसील पझोता के रासू मांदर क्षेत्र के साथ लगती ग्राम पंचायत  सरी देवठी में लगने वाला तीन दिवसीय बिशु मेला सरी संपन्न हो गया । इस मेले में तीन विधानसभा क्षेत्रों ठियोग चौपाल ...

विस्तार से पढ़ें:

Sirmaur : मेले का मुख्य आकर्षण क्षेत्र का पांरपरिक तीर कमान का खेल ठोडा रहा

Sirmaur : उप तहसील पझोता के रासू मांदर क्षेत्र के साथ लगती ग्राम पंचायत  सरी देवठी में लगने वाला तीन दिवसीय बिशु मेला सरी संपन्न हो गया । इस मेले में तीन विधानसभा क्षेत्रों ठियोग चौपाल व पच्छाद क्षेत्र के लोगो ने भाग लिया ।  यह मेला क्षेत्र के प्रसिद्ध आराध्य देव शिरगुल महाराज के नाम पर लगता है और शिरगुल महाराज की पांरपरिक पूजा के साथ ही मेले का शुभारंभ होता है ।

Sirmaur : तीन दिवसीय बिशू मेला सरी संपन्न, शिरगुल महाराज के नाम पर लगता है मेला

इस मेले का मुख्य आकर्षण क्षेत्र का पांरपरिक तीर कमान का खेल ठोडा रहा । जिसमे पाशी ठोड़ा दल रापटा बंधु जौडना व शाठी ठोडा दल रजाणा ठियोग ने भाग लिया । इन दोनों ठोडा दलो ने मेले में ठोडा खेल का शानदार प्रदर्शन किया । यहाँ काबिले जिक्र है कि ठोडा को महाभारत कालीन खेल माना जाता है और यह तीर कमान का खेल है ।

Also Read : Sirmaur पीडब्ल्यूडी कर्मी ने खुद को मारी गोली, मानसिक रूप से था परेशान 

इस खेल में कोई रेफरी व एम्पायर नही होता । खिलाड़ी एक दूसरे की टांगो पर तीर से वार करते है और तीर का वार घुटने के नीचे ही करना होता है । वार करने के बाद खिलाड़ी स्थानीय भाषा में एक दूसरे को ललकारते है । और यहां ललकार लय और  वाद्ययंत्रों के साथ गीत के रूप में पेश करते है ।

Sirmaur : तीन दिवसीय बिशू मेला सरी संपन्न, शिरगुल महाराज के नाम पर लगता है मेला

इस खेल को आरंभ करने से पहले जब ठोडा दल मेला मैदान में प्रवेश करते है तो एक विशेष प्रकार गायन व नृत्य होता है । इस नृ्त्य में खिलाड़ी हाथ में डांगरा लेकर नाचते है ।