Sirmaur Police : सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मदन शाह को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया
Sirmaur जिले के देवका पुदला गांव में हुई एक घटना ने मानवता और पुलिस की जिम्मेदारी को उजागर किया है। 24 जनवरी को गांव में एक संदिग्ध व्यक्ति के घूमने की सूचना मिलने पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
ग्राम पंचायत प्रधान देवका पुदला, नरेश चंद ने 24 जनवरी 2025 को रात 11:25 बजे थाना को सूचना दी कि उनके गांव में एक संदिग्ध व्यक्ति घूम रहा है, जिसे गांव के लोगों ने पूछताछ के लिए रोक रखे हैं। यह जानकारी मिलते ही थाना ने पुलिस टीम भेजी।
संदिग्ध व्यक्ति के पास कोई दस्तावेज नहीं था और वह बंगला भाषा बोल रहा था, जिससे संवाद में कठिनाई हो रही थी। गांव के प्रधान और वार्ड सदस्य जसवंत सिंह ने पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ की, जिससे यह पता चला कि वह गांव का निवासी नहीं था और उसका यहां कोई स्थायी ठिकाना नहीं था।
25 जनवरी 2025 को पुलिस ने एक स्थानीय व्यक्ति की मदद ली, जो बंगला भाषा समझता था, ताकि संदिग्ध व्यक्ति से गहराई से पूछताछ की जा सके। इस दौरान व्यक्ति ने अपनी मूल जगह पश्चिम बंगाल का नाम लिया। पुलिस ने तब पश्चिम बंगाल पुलिस से सम्पर्क साधा और व्हाट्सऐप के माध्यम से संदिग्ध व्यक्ति की तस्वीरें और जानकारी साझा की । इस दौरान पुलिस ने उस व्यक्ति की तूफानगंज थाना में वीडियो कॉल से बात करवाई। तब उस व्यक्ति ने अपने गांव का नाम भुरकुश बताया।
पूछताछ के दौरान व्यक्ति ने अपना नाम मदन शाह और पिता का नाम कांगल शाह बताया। मदन शाह की गुमशुदगी रिपोर्ट 15 फरवरी 2024 को उसके रिश्तेदार स्वप्न शाह ने थाना तूफानगंज में दर्ज करवाई थी। स्वप्न शाह ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, और मदन शाह का इतनी दूर आना उनके लिए संभव नहीं था।
पुलिस ने स्वप्न शाह से संपर्क किया और मदन शाह की पहचान सत्यापित करने के लिए उनकी मासी राधा देवी और मासी के बेटे विदेश शाह का संपर्क नंबर लिया। वीडियो कॉल के जरिए राधा देवी ने मदन शाह को अपना भाई बताया और उसकी पहचान की पुष्टि की।
27 जनवरी 2025 को, मदन शाह की बहन राधा देवी (पत्नी श्यामल शाह) और विदेश शाह, हरि नगर कॉलोनी, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश पहुंचे। पुलिस ने मदन शाह को उनके परिवार के सुपुर्द कर दिया और सुनिश्चित किया कि वह सुरक्षित स्थिति में हैं। इसके बाद पुलिस ने उन्हें उनके मूल निवास स्थान पश्चिम बंगाल भेजने की व्यवस्था की।
इस पूरी घटना में पुलिस और गांव वालों की तत्परता और सहयोग की सराहना की गई। यह मामला मानवीय संवेदनशीलता, पुलिस की जिम्मेदारी और स्थानीय समुदाय के सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बना। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि संदिग्ध व्यक्ति को सुरक्षित तरीके से उसके परिवार से मिलवाया जा सके, और उसे उसके घर भेजने की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ पूरा किया।
वहीं इस मामले में देवका पुड़ला के ग्राम पंचायत प्रधान नरेश चंद और वार्ड सदस्य जगदीप सिंह ने गांव में एक संदिग्ध व्यक्ति को घूमते हुए देखा गया। इसके बाद, ग्रामीणों ने मानवता का परिचय देते हुए उसे भोजन कराया और पुलिस को सूचित किया।
Sirmaur के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) योगेश रोल्टा ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मदन शाह को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया है। उन्होंने इस सफल प्रयास में शामिल पुलिसकर्मियों की सराहना की और उनकी तत्परता और मानवता के प्रति समर्पण को उजागर किया। पुलिसकर्मियों ने न केवल अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता का भी बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया।