DC Sirmaur सुमित खिमटा ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत, याद किए हिमाचल निर्माता
भाषा एवं संस्कृति विभाग Sirmaur और मां ज्वाला नगरकोटी मंदिर विकास समिति चन्हालग के संयुक्त तत्वाधान में हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार की 118वीं जयंती उनकी जन्मस्थली चन्हालग में धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर उनके पैतृक गांव में सुबह पैदल यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें 150 लोगों ने दो किलोमीटर की यात्रा पैदल तय कर डा. परमार को याद किया।
इस अवसर पर उपायुक्त Sirmaur सुमित खिमटा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने चन्हालग में स्थित डॉ. परमार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही मंदिर परिसर में पौधारोपण भी किया गया। डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने कहा कि डॉ. परमार प्रजामंडल आंदोलन के सक्रिय सदस्य रहे और देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उनके नेतृत्व एवं अथक प्रयासों से हिमाचल को एक अलग राज्य के रूप में पहचान मिली और पहाडी प्रदेश हिमाचल की भाषा, कला और सांस्कृतिक विरासत संरक्षित रही। उन्होंने कहा कि हम सभी को डा. वाईएस परमार द्वारा दिखाए गए मार्ग और उनके आदर्शों पर आगे बढ़ने की जरूरत है, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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इस अवसर पर रमेश शास्त्री, प्रधान लानाबाका कुलदीप जसवाल, पूर्व प्रधान नेहर स्वार राजिंदर सिंह ने डॉ. परमार के बहुमूल्य जीवन पर प्रकाश डाला। भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला सिरमौर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिमाचल निर्माता के परिवार से उनके पौत्र आंनद परमार, पौत्रवधु आशा परमार, उनके पुत्र यश परमार, ज्योतिर परमार, उनकी पौत्री देविका परमार को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर हाटी सांस्कृतिक दल बाउनल ने सिरमौरी नाटी और चूडेश्वर लोकनृत्य दल ने सिंहटू नृत्य पेश किया और वाद्ययंत्र प्रस्तुति भी दी गई. इस मौके पर अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग सराहां, उप निदेशक कृषि विभाग नाहन, खंड विकास अधिकारी सराहां, तहसीलदार पच्छाद, प्रधान ग्राम पंचायत लानाबाका, सीडीपीओ सराहां, डीएसपी राजगढ़ आदि उपस्थित थे।