Sirmaur जिला की चारो टाॅल इकाईयों की नीलामी 29 करोड़ 45 लाख रुपये में हुई। पिछले साल की तुलना में यह बोली लगभग 23 प्रतिशत अधिक रही। नीलामी की प्रक्रिया आज दोपहर एक बजे आरंभ होकर देर सांय तक चली। चारो टाॅल इकाईयों की सर्वाधिक बोली जगजीत सिंह ने लगाई।
सिरमौर जिला दण्डाधिकारी सुमित खिमटा की देख-रेख में यह नीलामी की गई। चारो यूनिट का आरक्षित मूल्य 26 करोड़ 14 लाख 42 हजार 6 सौ 11 रुपये निर्धारित किया गया था।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एल.आर. वर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त साउथ जोन विवेक कुमार, उपायुक्त राज्य कर एवं आबकारी मुख्यालय शिमला से अनुपम कुमार सिंह, उपायुक्त राज्य कर एवं आबकारी जिला सिरमौर से हिमांशु आर. पंवर समूची नीलामी प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहे।
Sirmour में दो सड़क हादसों में 1 गंभीर रूप से घायल, 9 लोगों को आई मामूली चोटें https://rb.gy/j3d31a
https://hpsirmaur.nic.in/about-district/whos-who/
Sirmaur में लोकसभा चुनाव पर होने वाले व्यय की गंभीरता से निगरानी करें अधिकारी बोले DC सुमित खिमटा
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी Sirmaur सुमित खिमटा ने लोकसभा चुनाव-2024 के दृष्टिगत भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय की निगरानी के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देश और नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश सभी व्यय निगरानी समितियों को दिये हैं। DC Sirmaur ने कहा कि लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से संपन्न करने के लिए सभी अधिकारी अपनी-अपनी जिम्मेदारी को निष्ठापूर्वक गंभीरता से निभायंे।
Sirmaur जिला निर्वाचन अधिकारी आज गुरूवार को नाहन में निर्वाचन व्यय निगरानी (इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग) हेतु नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे।
DC Sirmaur सुमित खिमटा ने कहा कि निर्वाचन व्यय की निगरानी लिए नियुक्त सभी अधिकारी सुनिश्चित करें कि चुनाव के दौरान प्रत्याशी अथवा राजनीतिक दल द्वारा किये जाने वाले खर्चे का सही हिसाब-किताब रखा जाये और इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें। उन्होंने कहा कि निर्वाचन सम्बन्धी व्यय चुनाव प्रक्रिया का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस विषय में सभी को निर्धारित दिशा निर्देश और नियमों के अनुरूप कार्य करना सुनिश्चित बनाना होगा।
DC Sirmaur सुमित खिमटा ने कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जायेगी और चुनाव के लिए नियुक्त निर्वाचन व्यय निगरानी के सभी अधिकारियों को भी अपनी जिम्मेवारी स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से निभाने के लिए तत्परता के साथ कार्य करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
DC Sirmaur ने कहा कि के निर्वाचन व्यय निगरानी के लिए नियुक्त सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी-अपनी ड्यूटी और जिम्मेदारी के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यद्यपि निगरानी प्रकोष्ठ के प्रत्येक सदस्य को प्रत्याशी अथवा राजनीतिक दल द्वारा किये जाने वाले खर्चों की मॉनिटरिंग सम्बन्धी संपूर्ण जानकारी इस प्रशिक्षण कार्यशाला में उपलब्ध करवाई गई है तथापि यदि किसी सदस्य को अधिक जानकारी की आवश्यकता हो तो वह समय रहते नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकता है।
सहायक आयुक्त एवं निर्वाचन व्यय निगरानी के लिये नियुक्त नोडल अधिकारी गौरव महाजन ने इस अवसर पर लोकसभा निर्वाचन के दौरान विभिन्न प्रत्याशी तथा राजनीतिक दलों द्वारा किये जाने वाले खर्चों की जानकारी सम्बन्धी पीपीटी के माध्यम से प्रदान की।
‘‘लोकसभा के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 95 लाख और विधानसभा के लिए 40 लाख’’
सहायक आयुक्त गौरव महाजन ने बताया कि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा लोक सभा निर्वाचन के लिए प्रत्याशी द्वारा अधिकतम व्यय 95 लाख रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है। इसी प्रकार विधानसभा प्रत्याशी के लिए यह राशि अधिकतम 40 लाख रुपये निर्धारित है। उन्होंने कहा कि चुनाव के व्यय का लेखा-जोखा देख रहे सभी अधिकृत अधिकारी सुनिश्चित करें कि निर्वाचन के दौरान प्रत्याशी द्वारा किये जाने वाले प्रत्येक खर्चे का निर्धारित रजिस्टर में इंदराज सुनिश्चित बनायें और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
तहसीलदार निर्वाचन महेन्द्र ठाकुर, साख योजना अधिकारी पी.एस. पराशर के अलावा लोकसभा निर्वाचन के लिए निर्वाचन व्यय निगरानी समितियों के समस्त अधिकारी व कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।