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Showtime: ‘शोटाइम’ वेब सीरीज रिव्‍यू, ग्लैमर भरपूर के साथ कहानी में चमक

By Sushama Chauhan

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Showtime: बॉलीवुड की दुनिया जितनी ग्लैमरस और चकाचौंध से भरी दिखती है, उसके पीछे उतना ही अंधेरा भी है। यह बात कई बार कई तरह से लोगों ने कही और सुनी है। निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर अपनी ‘पेज 3’, ‘फैशन’ और ‘हीरोइन’ जैसी फिल्मों में ग्‍लैमर इंडस्ट्री के इस स्याह सच को दिखा चुके हैं। वहीं, अब निर्माता करण जौहर OTT पर वेब सीरीज ‘शोटाइम’ के रूप में 8 एपिसोड्स में इसी तल्ख सचाई को लेकर आए हैं।

Showtime
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Showtime: ‘शोटाइम’ वेब सीरीज की कहानी

Showtime एक नामी फिल्म स्टूडियो विक्ट्री के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जिसके मालिक विक्टर खन्ना (नसीरुद्दीन शाह) अपने जमाने के हिट रोमांटिक फिल्ममेकर रहे हैं। वे फिल्में बनाना अपना धंधा नहीं, धर्म मानते हैं। लेकिन उनकी पिछली कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलीं, तो कमान उनके बेटे रघु खन्ना (इमरान हाशमी) के हाथों में सौंपी गई है।

रघु का मंत्र है कि कॉन्टेंट कैसा भी हो, बस पैसा बनना चाहिए। उसके लिए ब्लॉकबस्टर की परिभाषा है, दो घंटे फिल्म देखो, खाओ, पियो, खिसको। इसलिए, वह समीक्षकों को पैसे खिलाकर स्टार रेटिंग खरीदता है, लेकिन एक नई-नवेली पत्रकार महिका नंदी (महिमा मकवाना) उसकी फिल्म की बैंड बजा देती है।

बॉलीवुड की दुनिया जितनी ग्लैमरस और चकाचौंध से भरी दिखती है, उसके पीछे उतना ही अंधेरा भी है। यह बात कई बार कई तरह से लोगों ने कही और सुनी है। निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर अपनी ‘पेज 3’, ‘फैशन’ और ‘हीरोइन’ जैसी फिल्मों में ग्‍लैमर इंडस्ट्री के इस स्याह सच को दिखा चुके हैं। वहीं, अब निर्माता करण जौहर OTT पर वेब सीरीज ‘शोटाइम’ के रूप में 8 एपिसोड्स में इसी तल्ख सचाई को लेकर आए हैं।

Story of ‘Showtime’ web series

Showtime

कहानी एक नामी फिल्म स्टूडियो विक्ट्री के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जिसके मालिक विक्टर खन्ना (नसीरुद्दीन शाह) अपने जमाने के हिट रोमांटिक फिल्ममेकर रहे हैं। वे फिल्में बनाना अपना धंधा नहीं, धर्म मानते हैं। लेकिन उनकी पिछली कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलीं, तो कमान उनके बेटे रघु खन्ना (इमरान हाशमी) के हाथों में सौंपी गई है।

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रघु का मंत्र है कि कॉन्टेंट कैसा भी हो, बस पैसा बनना चाहिए। उसके लिए ब्लॉकबस्टर की परिभाषा है, दो घंटे फिल्म देखो, खाओ, पियो, खिसको। इसलिए, वह समीक्षकों को पैसे खिलाकर स्टार रेटिंग खरीदता है, लेकिन एक नई-नवेली पत्रकार महिका नंदी (महिमा मकवाना) उसकी फिल्म की बैंड बजा देती है।

Showtime web series review

Showtime

Showtime सीरीज बॉलिवुड फिल्ममेकर्स की सिर्फ पैसे बनाने वाली सोच, स्टार्स के नखरे, फिल्मों के बनने के पीछे की जोड़-तोड़, रिव्यूज की खरीद-फरोख्त के साथ खूब चर्चा में रहे नेपोटिजम जैसे सुने-सुनाए विषयों को बिना लाग-लपेट दिखाती करती है। लेकिन अफसोस कि यह मधुर भंडारकर की फिल्मों की तरह संजीदगी से विषय के गहराई में नहीं उतरती। सीरीज बस इन विषयों को सतही ढंग से इफेक्ट के लिए इस्तेमाल करती है। ना ही ऐसी कोई नई बात कहती है।

‘Showtime’ web series review

यह सीरीज बॉलिवुड फिल्ममेकर्स की सिर्फ पैसे बनाने वाली सोच, स्टार्स के नखरे, फिल्मों के बनने के पीछे की जोड़-तोड़, रिव्यूज की खरीद-फरोख्त के साथ खूब चर्चा में रहे नेपोटिजम जैसे सुने-सुनाए विषयों को बिना लाग-लपेट दिखाती करती है। लेकिन अफसोस कि यह मधुर भंडारकर की फिल्मों की तरह संजीदगी से विषय के गहराई में नहीं उतरती। सीरीज बस इन विषयों को सतही ढंग से इफेक्ट के लिए इस्तेमाल करती है। ना ही ऐसी कोई नई बात कहती है।

नसीरुद्दीन शाह छोटी सी भूमिका में एक्टिंग के मास्टर क्लास साबित होते हैं। राजीव खंडेलवाल ठीकठाक हैं। वहीं, श्रिया सरन और मौनी रॉय कोई छाप छोड़ने में नाकाम रही हैं। वेब सीरीज के गाने भी कुछ खास नहीं है।

कुल मिलाकर, यह सीरीज भी रघु के स्टाइल में ही सनसनीखेज विषय पर चलताऊ तरीके से फटाफट मोड में बनाई गई लगती है, जिसे बिना ज्यादा उम्मीद रखे खाली समय में एक मौका दे सकते हैं।

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