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Shivratri parv पर सांसद सुरेश कश्यप ने की 16 लाख की घोषणाएं, प्रदेश में विभिन्न देवालयों में हर्षोल्लास से मनाया गया शिवरात्रि पर्व

By Sandhya Kashyap

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Shivratri parv के दिन शिमला सांसद सुरेश कश्यप ने नवाया भोले के दरबार में शीश Shivratri parv 2024: हिमाचल प्रदेश में महाशिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। प्रदेश के प्रसिद्ध देव स्थलों में जहां हजारों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालुओं का तांता रहा है। हिमाचल के शहरी ...

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Shivratri parv के दिन शिमला सांसद सुरेश कश्यप ने नवाया भोले के दरबार में शीश

Shivratri parv 2024: हिमाचल प्रदेश में महाशिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। प्रदेश के प्रसिद्ध देव स्थलों में जहां हजारों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालुओं का तांता रहा है। हिमाचल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के देवालयों में खूब भीड़ देखने का मिली। भोले के दर्शन करने के लिए लम्बी कतारों में लोग घंटो तक खड़े नजर आए। हर्षोल्लास के साथ समूचे प्रदेश में महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया है।

Shivratri parv हिमाचल के जिला सिरमौर, *गिरनोल महादेव पूर्णेश्वर मंदिर* में शिमला लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप, शिलाई विधानसभा के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर, जिला सिरमौर भाजपा अध्यक्ष विनय गुप्ता सहित कई दिगज्जो ने भोले मंदिर में शीश नवाया और आशीर्वाद प्राप्त किया है। इस दौरान गिरनौल महादेव पूर्णेश्वर   मंदिर में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

Shivratri parv पर सांसद सुरेश कश्यप ने की 16 लाख की घोषणाएं, प्रदेश में विभिन्न देवालयों में हर्षोल्लास से मनाया गया शिवरात्रि पर्व

Shivratri parv इसलिए माना जाता है महत्वपूर्ण

Shivratri parv शिव महाराज और मां पार्वती के मिलन का दिन माना जाता है। फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में शिवजी ने वैराग्य छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था और माता पार्वती से विवाह किया था।  Shivratri parv इसलिए  हर साल शिव-गौरी के विवाहोत्सव के रूप में महाशिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है। पर्व के दौरान प्रदेश के विभिन्न देवालयों में शिव की बारात निकाली जाती है। और विधिवत शिव-गौरी का विवाह की झांकियों को निकाला जाता है। इस दौरान शिव-गोरी पर नाटक मंचन किए जाते है। और रात्रि के समय विशेष पूजा अर्चना का महत्व है। 

महाशिवरात्रि से जुड़ी कथाएंपहली पौराणिक कथा के अनुसार,फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव सबसे पहले शिवलिंग के स्वरूप में प्रकट हुए थे। इसी कारण से इस तिथि को पर भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के प्राकट्य पर्व के रूप में हर वर्ष महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शिव पुराण के अनुसार शिवजी के निराकार स्वरूप का प्रतीक  ‘लिंग’ शिवरात्रि की  पावन तिथि की महानिशा में प्रकट होकर सर्वप्रथम ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पूजित हुआ था। वहीं स्कंद पुराण में कहा है कि आकाश स्वयं लिंग है, धरती उसका पीठ या आधार है और सब अनंत शून्य से पैदा हो उसी में लय होने के कारण इसे लिंग कहा गया है ।

यह है Shivratri parv से जुड़ी जरूरी बाते

 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार Shivratri parv पर व्रत, पूजा और जलाभिषेक करने पर वैवाहिक जीवन से जुड़ी तमाम तरह की परेशानियां दूर होती हैं।  दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि रहती है।शिवरात्रि के दिन ही सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे। इस कारण से 12 ज्योतिर्लिंग के प्रकट होने की खुशी में शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। 

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Shivratri parv 2024 पर सांसद सुरेश कश्यप की 16 लाख की घोषणाएं 

शिमला लोकसभा सीट से सांसद सुरेश कश्यप ने shivratri parv को हर्षोल्लास से मनाया जाने पर प्रदेश वासियों को बधाइयां दी तथा इस दौरान उन्होंने गिरनोल में स्थित श्री श्री 1008 पूर्णानंद महादेव मंदिर के मंच से जनता को विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए 16 लाख रुपए देने की घोषणा की है। सुरेश कश्यप ने गिरनौल सराहा भवन के लिए तीन लाख, सामुदायिक भवन भटनोल के लिए तीन लाख, सामुदायिक भवन एससी बस्ती डक्कर के लिए तीन लाख, दुलाड-कांडो निर्माणाधीन गौशाला के लिए दो लाख, लिंक सड़क निर्माण दुदवानी के लिए 2 लाख और लिंक सड़क निर्माण बांदली के लिए तीन लाख रुपए देने की घोषणा की है। जबकि पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर ने शिवरात्रि पर्व को पूरा करवाने वाले पूर्णेशवर महादेव कमेटी को 21 हजार रुपए ऐच्छिक निधि से देने की घोषणा की है।

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Shivratri parv 2024 पर कौशिक जागरण मंडल ने गिरनौल में बांधा समा

Shivratri parv के वन अवसर पर कौशिक जागरण मण्डल के कलाकारों ने श्रद्धालुओं, पर्यटकों और दर्शकों का कीर्तन, भजन के साथ शिव – गोरी की झाकियां निकालकर लोगों का मनोरंजन करते हुए पंडाल को पूर्ण भक्तिमय कर दिया, इस दौरान भरत सहारनपुरिया ने सुरीली आवाज में “भोले की बारात निकली सजधज के”, “बेमोंहनियां बालकनाथा”,  “ऐसा डमरू बजाया भोले नाथ ने”, “लगन तुमसे लगा बैठे”, “भोला को कैसे में मनाऊं रे” भजन गाकर पंडाल में बैठे लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जबकि संजू भारती ने गणेश वंदना से भजनों की शुरुआत करके पूरा दिन लोगों का मनोरंजन किया और भजनों की धुनों पर लोगों का नाचने पर मजबूर किया।  इस दौरान राजेश कोशिश ने भी कई मनमोहक प्रस्तुतियां से लोगों का दिल जीता है।

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