शिमला : राजधानी में नगर निगम चुनाव को लेकर वार्डों का आरक्षण रोस्टर जारी हो गया है। कुल 34 में से छह वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इन छह में तीन वार्ड अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किए गए हैं। इनमें अनाडेल नाभा और विकास नगर शामिल हैं। कृष्णानगर, फागली और खलीनी वार्ड अजा के लिए आरक्षित किए हैं।
वहीं, नगर निगम शिमला के चुनाव के संभावित आरक्षण रोस्टर को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के आकस्मिक अवकाश के कारण इस मामले की सुनवाई अब सोमवार को निर्धारित की गई है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ के समक्ष शनिवार को इस मामले पर सुनवाई हुई। अदालत ने मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अदालत के समक्ष सूचीबद्ध करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता किमी सूद के अधिवक्ता ने बताया कि शनिवार को चुनाव को लेकर आरक्षण रोस्टर जारी कर दिया गया है। इसके चलते अब संशोधित याचिका के जरिये इसे चुनौती दी जाएगी। अभी हाईकोर्ट के समक्ष नगर निगम चुनाव के संभावित आरक्षण रोस्टर को चुनौती दी गई थी। याचिका में आरोप लगाया है कि आरक्षण रोस्टर के मापदंड गैरकानूनी हैं।
किसी जाति, लिंग और धर्म विशेष के आधार पर आरक्षण के लिए मापदंड तय करना संविधान के विपरीत है। संभावित रोस्टर में छह वार्डों में से जिन तीन वार्डों में महिलाओं की जनसंख्या कम थी, उन्हें अनुसूचित जाति महिलाओं के लिए आरक्षित किया था। इसमें 14 वार्ड महिलाओं के आरक्षित थे। इसके अलावा छह वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इसमें से तीन अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होंगे। 14 वार्ड अनारक्षित कर दिए थे। रोस्टर के अनुसार भराड़ी, समरहिल, बालूगंज, जाखू, बैनमोर, इंजनघर, अपर ढली, शांति विहार, भट्ठाकुफर, सांगटी, छोटा शिमला, कंगनाधार, पटयोग और कनलोग वार्ड अनारक्षित हो गए हैं। बीते चुनाव में यह वार्ड महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थे। इस बार इन वार्डों से पुरुष उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतर सकेंगे। याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि आरक्षण रोस्टर के लिए तय मापदंडों को निरस्त किया जाए।