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शिलाई के “मिनांक कोचिंग संस्थान “ने पेश की अनूठी मिसाल, 36 बच्चों ने किया नवोदय विद्यालय में प्रवेश।

By Sushama Chauhan

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शिलाई: जिला सिरमौर के अत्यंत दुर्गम क्षेत्रों में शुमार शिलाई के मिनांक कोचिंग सेंटर के चार छात्रों का नाहन जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए चयन होना अपने आप में एक मिशाल से कम नहीं है। इतने दुर्गम क्षेत्र में इस प्रकार की शिक्षा का मिलना कम ही देखने को मिलता है जो इन जरूरतमंद बच्चों के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नही। इन क्षेत्रों में योग्य कोचिंग संस्थानों का खुलना जो बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में तैयारी का तरीका बता सके वो कम ही होते हैं। दूसरा उनमें पढ़ाने के लिए अनुभवी शिक्षकों का अभाव होना भी लाज़मी है ।

ऐसा अक्सर देखने को मिला है जो व्यक्ति शहरों के नामी गिरामी संस्थानों में कोचिंग ले चुके होते हैं वो ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में इन दुर्गम क्षेत्रों में कोई इस प्रकार की पहल नहीं करता है। और अगर करता भी है तो ज्यादा दिन तक ठहर नही सकता। जिसका सीधा संबंध अभिभावकों की आय पर निर्भर होता है। इसी कड़ी में भगवंत नेगी ने गांव में रहकर ही बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी करवाने का बीड़ा उठाया था। जो आज इस प्रकार के परिणाम स्वरूप सफ़ल होता दिख भी रहा है।

मिनांक कोचिंग सेंटर के प्रबंधक ने बताया कि उनका एकमात्र उद्देश्य सिर्फ इन गांवों के बच्चों को शिक्षा देना है जो कोचिंग संस्थानों की भारी भरकम फीस नहीं चुका सकते।उन्होंने संस्थान के अध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत के चलते इन छात्रों ने कक्षा 6 के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश परीक्षा पास की है। उन्होंने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी 4 बच्चों का चयन हुआ है। जिनमे सिद्धांत,सक्षम शर्मा, वर्णिका वर्मा वेदांशी शर्मा ने जवाहर नवोदय स्कूल की प्रवेश परीक्षा उतीर्ण की है यह प्रवेश परीक्षा 30 अप्रैल को हुई थी ।

मिनांक कोचिंग आर्थिक रूप से अक्षम बच्चो को फ्री में कोचिंग भी देता है यदि कोई बच्चा आर्थिक रूप से कमजोर है उसे शिक्षा मुफ्त में है, परीक्षाओं जैसे पुलिस कांस्टेबल , फारेस्ट गार्ड, क्लर्क , अलाइड सर्विसेज, अग्निवीर की तैयारी करवाते है. छात्रों को मुफ्त WIFI, संपूर्ण लाइब्रेरी की सुविधा की उपलब्ध है. मॉडल टेस्ट पेपर, परीक्षा सम्बंधित सामग्री की भी अच्छी व्यवस्था है.

गौरतलब है कि मिनांक कोचिंग 2018 में केवल 3 बच्चो के साथ शुरू हुआ था आज वर्तमान में 150 अधिक छात्र विभिन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है. 2018 से लगातार छात्रों के नवोदय, सैनिक स्कूल में प्रवेश दिला कर पुरे इलाके में एक मिसाल बना हुआ है ! अब तक 36 छात्र का चयन संस्थान द्वारा किया जा चूका है. जिसमें सिद्धांत सिंह पुत्र भगवान सिंह गांव शिलाई डॉक्टर बनाना चाहता है. वर्णिका पुत्री विजेंदर सिंह गांव मटियाना सेना में अधिकारी बनने का सपना संजोये है. सक्षम शर्मा पुत्र बलबीर शर्मा गांव पाब को ISRO में वैज्ञानिक बनाना है. वही वेदांशी शर्मा पुत्री सुनील शर्मा गांव बुटियाना टीचर बन कर देश की सेवा करना चाहती हैं इसके अलावा कनिष्क धीमान का चयन नवोदय विद्यालय में चयन हुआ है जो डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहता है