HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

----

शिलाई : दलीप चौहान का पार्टी से निष्कासन क्या कांग्रेस के लिए होगा नुकसानदायक…..

By Sandhya Kashyap

Verified

Published on:

Follow Us

शिलाई : यदि यह कहा जाए कि शिलाई विधानसभा के अंदर लाधी क्षेत्र की जनता कांग्रेस को नही, बल्कि दलीप सिंह चौहान को ही कांग्रेस पार्टी समझती है तो यह कहना गलत न होगा। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने लाधी क्षेत्र के मसीहा कहे जाने वाले दलीप सिंह चौहान पर पार्टी विरोधी गतिविधियों जैसे आरोप लगाकर 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्काशित कर दिया है। दलीप चौहान का पार्टी से निष्कासन, निसंदेह शिलाई कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित होने वाला है। सुनिए निष्कासन होने के बाद दलीप सिंह चौहान क्या कह रहे है।

शिलाई विधानसभा के अंदर, खासकर लाधी क्षैत्र में दलीप सिंह चौहान का व्यक्तित्व एक महानायक के तौर पर जाना जाता है, बच्चे, युवा, महिलाऐं, बुजुर्ग सहित सभी वर्गों के लोगों में मृदुभाषी और मिलनसार व्यक्तित्व की छवि लाधी क्षैत्र से हर बार कांग्रेस को बढ़त देती आई है। बताया जाता है कि दलीप सिंह चौहान, गरीबों, असहायों सहित क्षैत्र के हर उस तबके के साथ रात दिन खड़े रहते है। जिनको निजी और राजनैतिक तौर पर जरूरत रहती है। जहां आपातकालीन सेवाएं देने वाली 108 भी नही पहुंच पाती है वहां दलीप सिंह चौहान की गाड़ी लोगों की सहायता के लिए सबसे पहले पहुंच जाती है। इसलिए कांग्रेस पार्टी द्वारा दलीप सिंह चौहान को पार्टी से बाहर करना नुकसानदायक हो सकता है। यां फिर यूं कहे कि दलीप सिंह चौहान का निष्कासन, कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।

दलीप चौहान की माने तो कांग्रेस पार्टी ने चौहान का नही बल्कि लाधी क्षैत्र की 12 पंचायतों का निष्कासन किया है। इसलिए जनता के निष्कासन का फैसला वह जनता पर ही छोड़ रहे है। उल्लेखनीय है कि दलीप सिंह चौहान का कांग्रेस पार्टी से पीढ़ियों का नाता रहा है और लाधी के अंदर भले ही दलीप चौहान ने अपने बूते कांग्रेस पार्टी को मजबूत किया हो, मगर दलीप चौहान का निष्कासन होने के बाद यहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता नजर आ रहा है। बताया जाता है कि यहां की जनता, दलीप सिंह चौहान के नाम से ही कांग्रेस को पहचाती है। दलीप सिंह चौहान का पार्टी से निष्कासन वाले फैसले के बाद लाधी क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहा है। दलीप सिंह चौहान जहां 12 गांव के वर्तमान में नबरदार है। वहीं क्षैत्र की 12 पंचायतों में जनता के बीच इनकी निजी तौर पर मजबूत पकड़ मानी जा रही है। जो समूचे शिलाई विधानसभा पर अपना प्रभाव डालती है। इसलिए यहां कांग्रेस पार्टी की कार्यवाही, शिलाई कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है।

बताया जाता है कि दलीप सिंह चौहान के जिला परिषद चेयरमैन बनने के बाद, विधायक हर्षवर्धन चौहान और दलीप चौहान, दोनों दिग्गज नेताओं के बीच छत्तीस का आंकड़ा शुरू हो गया, यह आंकड़ा इतनी दूरियां बना गया कि जैसे ही दलीप सिंह चौहान का जिला परिषद चेयरमैन वाला कार्यकाल पूरा हुआ तो शिलाई कांग्रेस मंडल ने दलीप सिंह चौहान को शिलाई मंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकिन एआईसीसी सदस्य होने के कारण प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अंदर दलीप सिंह चौहान बने रहे और लगातार चाटुकारिता वाली नीति के शिकार होते रहे। वर्तमान समय में शिलाई कांग्रेस की स्तुति पर कांग्रेस हाईकमान ने दलीप सिंह चौहान को पार्टी से बाहर कर दिया है।  

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

दीगर रहे कि लाधी क्षेत्र के अंदर दलीप सिंह चौहान की अपनी मजबूत पकड़ है। इसलिए दलीप चौहान लोगों के मसीहा माने जाते है। यदि दलीप चौहान का बोटर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है तो शिलाई की राजनीति में बड़ा बदलाव होना संभव है । अलबत्ता राजनीति के अंदर कुछ भी संभव है। इसलिए एक रात में चुनावी विश्लेषण बदल जाते है। दलीप सिंह चौहान का निष्कासन होने के बाद शिलाई कांग्रेस को कितना नुकसान होने वाला है यह परिणाम तो चुनावी नतीजे ही तय कर पाएंगे।

--advertisement--