Shillai : जयदेवी स्टोन क्रशर में करोड़ों का गोलमाल, क्रशर ले चुका है एक मजदूर की जान: जालसाजी के आरोप में घिरे स्टोन क्रशर संचालक
Himachal News: हिमाचल प्रदेश के अंदर सत्ता परिवर्तन होते ही जिला सिरमौर के Shillai में लगा जयदेवी स्टोन क्रशर का मामला तुल पकड़ने लगा है। या यूँ कहें की भाजपा सरकार में जो माफिया सरकारी नियमों का गला घोटने में कामयाब न रहे, उन्हें अब सत्ता की शरण ने सक्रिय कर दिया है। बीते आठ सालों से शोषण का शिकार हो रहे राजेश शर्मा के साथ अमर सिंह ने स्थानीय पुलिस, जिला प्रशासन, प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को धोखाधड़ी करके उनके अधिकार हथियाने पर शिकायत की है।
सत्तासीन सरकार और अधिकारी कितना सख्ती से मामले में कार्यवाही करते है। यह तो आगामी जांच में सामने आएगा, लेकिन वर्तमान में सत्ताधारी सियासतदान खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर जयदेवी स्टोन क्रशर से माल अंदर कर रहे है। और यहां नियम अधिनियम पंगु नजर आ रहे है।
*शिमला में हुए जाली कागजात तैयार और राजेश शर्मा के स्टोन क्रशर का मालिक बन गया अनिल काल्टा: धोखाधडी के साथ जान से मारने की मिलती रही धमकियां*
Shillai पुलिस को राजेश शर्मा ने शिकायत की है कि जयदेवी स्टोन क्रशर को लेकर उन्होंने संबंधित जमीन मालिकों से जमीन लीज पर ली थी। औपचारिकताएं पूर्ण होने पर जयदेवी स्टोन क्रेशर सरकार ने उनके नाम स्वीकृति दी थी, फिर धोखाधड़ी करके यशपाल चौहान (गांव बैला, खण्ड कार्यालय Shillai) ने कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर जय देवी स्टोन क्रशर के सभी राइट्स और क्रेशर को ट्रांसफर करवाने के लिए शिमला नॉटरी से फ्रॉड कागजात तैयार करवाकर जयदेवी स्टोन क्रशर अनिल काल्टा पुत्र सोहन लाल काल्टा ( संजौली, जिला शिमला) के नाम करवा दिया। यह क्रशर ऐसे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर किया गया जिसको राजेश शर्मा जानता ही नहीं है। और न कभी अनिल काल्टा से मिला है।
इतना ही नहीं बल्कि खुद यशपाल चौहान, अनिल काल्टा के साथ क्रेशर में पार्टनर बन गया। पूरे मामले की किसी को कोई खबर नहीं थी, लेकिन जब क्रशर को चले कई महीने हो गए और फिर प्रॉजेक्ट के सफल होने पर मैने कार्य और अपनी कमाई के बारे में पूछना चाहा तो यशपाल चौहान, अनिल काल्टा सहित उनके गुंडों ने मुझे, मेरे परिवार को बताया कि तुम्हारा इस क्रेशर में कोई हिस्सा नहीं है।
यदि जयदेवी स्टोन क्रशर में हुई धोखाधड़ी की कहीं शिकायत या कोई बात बोली तो पूरे परिवार को खत्म कर देंगे, इस दौरान डर से मेरे पूरे परिवार का मानसिक संतुलन बिगड़ गया और मेरे पिताजी लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हो गए, जबकि हमारी भाभी की हार्ट अटैक से मृत्यु ही हो गई।
जयदेवी स्टोन क्रशर के लिए कई लाखों का कर्जा सिर पर था और धनाढ्य, राजनीतिक रसूख के साथ गुंडागर्दी करने वाले यशपाल चौहान और अनिल काल्टा की जानलेवा धमकियों की वजह से 8 सालों तक कोई शिकायत नहीं कर पाया, बड़ी मुश्किल से शिकायत का साहस जुटाकर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की जा रही है।
*जमीन मालिक अमर सिंह के साथ हुई धोखाधड़ी, पहली लीज खत्म नहीं हुई और बना दिया नया एग्रीमेंट: शिकायत दर्ज*
जयदेवी स्टोन क्रशर Shillai मामले में जमीन मालिक अमर सिंह ने राजेश शर्मा के साथ शिकायत की है कि यशपाल चौहान ने 12 मार्च 2019 को धोखाधड़ी करते हुए यह कहकर उनसे एग्रीमेंट बनवाया है कि जयदेवी स्टोन क्रशर की पहले वाली लीज खत्म हो चुकी है और अनिल काल्टा ने जयदेवी स्टोन क्रेशर उन्हें बेच दिया है। इसलिए जमीन का एक एग्रीमेंट बनाना पड़ेगा, जिससे आपकी जयदेवी स्टोन क्रेशर पर नई लीज हो जाएगी और आपका पिछला हिसाब जो पेंडिंग है। वो भी एग्रीमेंट के बाद चुकता किया जाएगा।
यशपाल चौहान की नियत को भांपते हुए जब एग्रीमेंट बनाने से मना कर दिया तो दर्जनों लोगों द्वारा टार्चर करवाया गया और धमकियों के बूते कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर धोखाधड़ी से खसरा नम्बर: 6064/5074/3613 हिस्सा 1/3 भाग, 8:14 बीघा पर नया एग्रीमेंट बनवाया गया है। जिसे निरस्त करने के साथ मामले में शिकायत दर्ज करने की अपील की गई है। शिकायत के अंदर यशपाल चौहान पर कई तरह के संगीन आरोप लगे है जिनपर शिकायतकर्ताओं ने सख्त कार्यवाही की मांग रखी है।
*जयदेवी स्टोन क्रशर 8 सालों से मीडिया की सुर्खियों में, फिर भी नहीं मिल रहा न्याय, शासन, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान*
उल्लेखनीय है कि Shillai जयदेवी स्टोन क्रशर मामले में हुई धोखाधड़ी, दादागिरी, दबंगई और धमकियों सहित नियमों से बाहर क्रशर चलाने को लेकर ग्रामीणों द्वारा लम्बे समय से विभाग और सरकार को शिकायत जाती रही है। लगातार मामला मीडिया की सुर्खियों में रहा है। बावजूद उसके न शोषित को न्याय मिला पाया है, न जमीन मालिकों का शोषण रुका और न ही जयदेवी स्टोन क्रेशर से क्रेशर बनने का सिलसिला रुक रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि जयदेवी स्टोन क्रेशर में एक मजदूर की दर्दनाक मौत भी हुई है। और वो मजदूर की मौत भी लावारिस बनकर रह गई है। मजदूर के परिजनों को जयदेवी स्टोन क्रेशर से मुआवजा मिलना तो दूर, परिजनों को सांत्वना भी नहीं मिल पाई है। और सरकार के नियम, अधिनियमों सहित शासन, प्रशासन की कार्यप्रणाली लगातार सवालों के घेरे में नजर आ रही है।
*जयदेवी स्टोन क्रशर को चलाने में संबंधित विभागों की मिलीभगत, “दिया तले अंधेरा” वाली कहावत हो रही चरितार्थ*
शिकायतकर्ताओं के अनुसार जयदेवी स्टोन क्रशर के साथ संबंधित विभागों की मिलीभगत है। इसलिए वर्तमान में जयदेवी स्टोन क्रशर से लाखों मीट्रिक टन क्रशर रात के समय बनाया जाता है और फिर राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर ढेर लगाकर स्टोर किया जा रहा है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग से बेझिझक, बिना किसी डर के दिन रात बिना एमफार्म के माल सप्लाई किया जा रहा है। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि जयदेवी स्टोन क्रशर के पीछे सरकार में बैठे नेताओं का हाथ है और अधिकारी यहां नेताओं की कठपुतली बने हुए है। इसलिए अवैध तरीके से कारोबार करने वाले लोगों के हौसले बुलंद है और सरेआम कायदे, कानून की धज्जियां उड़ा रहे है। यहां वर्तमान सरकार के कार्यकाल में “दिया तलें अंधेरा” वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
*जयदेवी स्टोन क्रशर आपसी विवाद, बिना एम फॉर्म क्रशर बेचने वालों पर होगी विभागीय कार्यवाही: कुलभूषण शर्मा*
जिला खनन अधिकारी कुलभूषण शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि शिलाई में जयदेवी स्टोन क्रशर का मामला आपसी विवाद है। जिसका समाधान न्यायालय कर सकता है। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग की लीज और खनन की लीज के नियमो में अंतर रहता है। इसलिए जिसने पहले लीज ली है वह उस लीज को बिना पहली लीज को रद्द किए किसी दूसरे व्यक्ति को लीज देने का अधिकारी रहता है।
जयदेवी स्टोन क्रशर की लीज अनिल काल्टा से यशपाल चौहान को गई है। यदि न्यायालय से कोई आदेश आते है तो जयदेवी स्टोन क्रेशर पर उसी हिसाब से कार्यवाही की जाएगी। यदि जयदेवी स्टोन क्रेशर बीमा एमफॉर्म के क्रेशर बेच रहा है तो यह गैरकानूनी है। बखूबी ऐसे मामलों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।