Shillai : पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार
Shillai (अंकिता ठाकुर), 11 जून : हिमाचल प्रदेश के Shillai विधानसभा क्षेत्र में आज एक युग का अंत हो गया। क्षेत्र ही नहीं, प्रदेश की राजनीति और समाज सेवा के लिए यह अपूरणीय क्षति है। Shillai निवासी जगपाल सिंह तोमर का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे शिलाई क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।

स्व. तोमर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव शिलाई के श्मशान घाट में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारगण उपस्थित रहे।
सत्य, सेवा और शालीनता की मिसाल थे जगपाल तोमर
जगपाल तोमर Shillai विधानसभा के ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं जिन्होंने राजनीति में सत्य और सेवा के नए प्रतिमान स्थापित किए। उनका जीवन उन मूल्यों का प्रतीक रहा, जो आज की राजनीति में दुर्लभ हो चले हैं – कर्तव्यनिष्ठा, सादगी, और लोकहित की भावना।
शिक्षा में उत्कृष्टता: 1950 में परीक्षा में टॉप
साल 1950 में जब शिक्षा संसाधन सीमित थे, उस समय नाहन के शमशेर स्कूल में पढ़ते हुए जगपाल तोमर ने हिमाचल और पंजाब शिक्षा बोर्ड की संयुक्त परीक्षा में टॉप किया था। यह उपलब्धि उन्हें न केवल एक मेधावी छात्र के रूप में स्थापित करती है, बल्कि उनकी मेहनत, अनुशासन और प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
तीन भाषाओं में प्रवीणता: संवाद का सेतु
हिंदी, अंग्रेज़ी और उर्दू जैसी भाषाओं में उनकी गहरी पकड़ ने उन्हें हर वर्ग और हर आयु के लोगों से जोड़ने में सक्षम बनाया। वे भाषाई स्तर पर न केवल शिक्षित, बल्कि समाज के साथ जीवंत संवाद करने वाले जननायक थे।
राजनीति में सेवा भाव की मिसाल
स्व. तोमर भाजपा की ओर से शिलाई विधानसभा में पहले प्रत्याशी थे। भले ही वे चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन उनके साफ-सुथरे और विचारशील नेतृत्व ने शिलाई क्षेत्र में भाजपा को मजबूत आधार दिया। आज भाजपा की जो स्थिति शिलाई क्षेत्र में है, उसमें जगपाल तोमर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
ग्राम पंचायत प्रधान के रूप में ऐतिहासिक निर्णय
जगपाल तोमर ने शिलाई ग्राम पंचायत के प्रधान पद पर रहते हुए कई ऐसे निर्णय लिए, जिन्होंने गांव के विकास को नई दिशा दी। उनकी योजनाएं आज भी स्थानीय विकास कार्यों की नींव मानी जाती हैं। वे उन विरले नेताओं में थे, जिन्होंने नीतियों को जमीन पर उतारा और विकास को जन-जन तक पहुँचाया।
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व्यक्तित्व: शालीनता और सरलता का जीवंत प्रतीक
अपने जीवन के हर चरण में जगपाल तोमर ने विनम्रता, गरिमा और धैर्य का परिचय दिया। उनका व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणास्रोत था। वे राजनीति में होने के बावजूद कभी भी दिखावे से दूर रहे और हर वर्ग के साथ सहज संवाद बनाए रखा।
अंतिम समय और क्षेत्र में शोक की लहर
लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे स्व. तोमर को पहले शिलाई अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ से उन्हें जिला स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया गया। वहीं उन्होंने मंगलवार को अंतिम सांस ली। उनके निधन के साथ शिलाई क्षेत्र ने एक युग पुरुष को खो दिया।
हिमाचल के दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
स्व. जगपाल सिंह तोमर के निधन पर हिमाचल की राजनीति, पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्रों की कई प्रमुख हस्तियों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
पूर्व विधायक बलदेव तोमर, शिमला सांसद सुरेश कश्यप, पांवटा साहिब विधायक सुखराम चौधरी, प्रदेश उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, पच्छाद विधायक रीना कश्यप, शिलाई पंचायत के पूर्व प्रधान जगत सिंह तोमर, वरिष्ठ पत्रकार ज्ञान शर्मा, संजीव कपूर, श्यामलाल पुंडीर, संपादक दिनेश पुंडीर (देश-दिनेश ग्रुप), चमेल देसाईक (अखंड भारत ग्रुप), रमेश पहाड़िया (यंगवार्ता ग्रुप) ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
इन सभी ने परिवार को सांत्वना देते हुए प्रार्थना की कि परमात्मा दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिजनों को यह अहसनीय क्षति सहने की शक्ति प्रदान करे।
एक युग, एक प्रेरणा, एक विरासत
जगपाल सिंह तोमर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका योगदान, उनका व्यक्तित्व और उनके विचार हिमाचल की राजनीति और समाज में सदा अमर रहेंगे। वे एक युग थे – जिनकी कमी को भर पाना कठिन ही नहीं, असंभव है।