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शिलाई : टटियाना में एक शताब्दी बाद हुआ शाठी-पाशी का भव्य मिलन समारोह, हजारों लोग बने साक्षी

By Sandhya Kashyap

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शिलाई  : जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के टटियाना गांव में कौरव पांडव वंशजों का मिलन हुआ। इस भव्य मिलन समारोह में जिला सिरमौर, शिमला और  उत्तराखंड के भी हजारों लोगों ने शिरकत की। बताते हैं कि इस शांत महायज्ञ में शाठी-पाशी के मिलन के पर्व पर करीब 400 गांव के ग्रामीण एकत्रित हुए। बता दें की शाठी कौरव वंशज बनाए जाते हैं , जबकि पाशी पांडव वंशज है। 

बताते हैं कि हिमालय के पहाड़ों को काली माता का निवास माना जाता है और काली माता को ठारी स्वरूप पूजा जाता है। ग्रामीणों के मुताबिक माता को खुश करने के लिए शांत महायज्ञ का आयोजन किया जाता है। बताते हैं कि इस शाठी-पाशी के मिलन में करीब 30 से 40 हजार लोग एकत्रित हुए हैं। जानकारी के मुताबिक टटियाना गांव में चल रहे मिलन समारोह के हजारों लोग साक्षी बने। स्थानीय ग्रामीणों में मायाराम शर्मा, अनिल शर्मा, ओमप्रकाश,  रमेश शर्मा, गुमान सिंह शर्मा और कपिल शर्मा आदि ने बताया की इस शाठी-पाशी मिलन समारोह के लिए ग्रामीणों द्वारा करीब 400 गांव के लोगों को न्योता भेजा गया है। मिलन समारोह में हजारों लोगों ने शिरकत की।

जानकारी के मुताबिक शाठी-पाशी का यह कार्यक्रम एक सदी के बाद मनाया गया। बताते हैं कि रियासत काल के दौरान जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में जब रजवाड़ा शाही थी उस दौरान टटियाना गांव में एक चौंतरा बनाया गया था जिसे न्याय का प्रतीक माना जाता है। बताते हैं कि इस चोंतरें में चार बिरादरी के लोग बैठकर न्याय करते थे।  शाठी-पाशी मिलन समारोह में 1 जुलाई को भंडारे में कमरऊ  तहसील के अंतर्गत आने वाले और रेणुका के लोगों के ग्रामीण मौजूद रहेंगे। वही 2 जुलाई को होने वाले भंडारे में जौनसार बाबर और शिलाई तहसील के लोगों के अलावा अन्य बिरादरी के लोगों के शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है।