सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष दोस्त मोहम्मद मजारी के फैसले के खिलाफ अपना आदेश दिया
पाकिस्तान की सत्ता के केंद्र पंजाब प्रांत में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सीएम पद के उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही ने शपथ ग्रहण किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई। इमरान खान की इस जीत से नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी को झटका लगा।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बहुत बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शहबाज शरीफ के बेटे हमजा को देश के सबसे प्रभावशाली सूबे पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रातों-रात इमरान खान की पार्टी पीटीआई की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही को मुख्यमंत्री पद की शपथ भी दिला दी गई। चौधरी परवेज को यह शपथ खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दिलाई।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष दोस्त मोहम्मद मजारी के फैसले के खिलाफ अपना आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि स्पीकर का पीएमएल क्यू के विधायकों को इमरान खान के समर्थन में वोट देने को रद करना अवैध फैसला था। कोर्ट ने व्यवस्था दी कि पीटीआई के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही पंजाब के अगले सीएम होंगे। कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल को आदेश दिया कि वह चौधरी परवेज इलाही को शपथ ग्रहण कराएं लेकिन उनके मना करने पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने यह शपथ दिलाई।
आलम यह रहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने चौधरी परवेज इलाही को इस्लामाबाद लाने के लिए एक विशेष विमान को भेजा जिसमें बैठकर वे तत्काल पहुंच गए और रात में ही शपथ ग्रहण समारोह हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परवेज इलाही को विधानसभा में बहुमत प्रस्ताव के दौरान 186 वोट मिले थे और हमजा शरीफ को 179 वोट मिले। इस बीच शरीफ परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के हमजा को मुख्यमंत्री पद से हटाने फैसले को न्यायिक तख्तापलट करार दिया है। शहबाज शरीफ ने कहा कि हम संविधान की सर्वोच्चता के साथ समझौता नहीं होने देंगे।
इस बीच विश्लेषकों का मानना है कि शहबाज शरीफ, नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी को सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने एक तरह से धोखा दिया है। दरअसल, पाकिस्तान की सियासत में सेना के इशारे के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है और यही वजह है कि नवाज और जरदारी की जोड़ी ने बाजवा पर न चाहते हुए भी भरोसा किया। पाकिस्तानी विश्लेषक मोहम्मद ताकी कहते हैं कि जनरल बाजवा के आश्वासन पर भरोसा करके शहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी ने बहुत बड़ी गलती की।
ताकी ने कहा कि शहबाज शरीफ ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में केवल यही हासिल किया कि उन्होंने नवाज शरीफ की ओर से जमा की गई राजनीतिक पूंजी को उन्होंने गंवा दिया। शहबाज शरीफ को उम्मीद थी कि उनका बेटा सेना की मदद से पंजाब का सीएम बना रहेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं और हमजा को कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब इमरान खान की नजर शहबाज शरीफ पर है और आने वाले समय में वे इस्लामाबाद की सत्ता को गिराने में पूरी ताकत लगा देंगे। एक बार फिर से पाकिस्तान इमरान राज की ओर बढ़ता दिख रहा है।