नेशनल एग्रीक्लचर मार्केट (ई-नाम) मंडियों को मंजूरी दे दी है, नई ई-नाम मंडियां विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने 2.10 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
शिमला, किन्नौर, मंडी और कांगड़ा के लिए हुई मंजूरी
हिमाचल डेस्क: सरकार ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए सात नई नेशनल एग्रीक्लचर मार्केट (ई-नाम) मंडियों को मंजूरी दे दी है। इससे पहले केंद्र से मंजूर हुईं 19 मंडियों में ऑनलाइन कारोबार हो रहा है और ये सभी मंडियां केंद्र सरकार के पोर्टल से जुड़ी हुई हैं। सात नई ई-नाम मंडियां विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने 2.10 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अभी तक कुल 1,24,407 किसान, 1976 व्यापारी, 66 कृषि उत्पादक समूह ई-नाम मंडियों में पंजीकृत हैं।
ई-नाम पोर्टल से कुल 230.98 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। 16,518 किसानों के खाते में सीधे ई-पेमेंट के माध्यम से उनकी फसल का भुगतान किया गया। ई-नाम मंडियों से हजारों किसानों और बागवानों को फसलें बेचने में सुविधा होगी। प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड ने इन मंडियों का प्रस्ताव दो साल पहले केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा था। शिमला जिला में मेहंदली और खड़ापत्थर उपमंडी, किन्नौर जिला में उपमंडी टापरी, मंडी जिला में धनोटू और चैलचौक उपमंडी और कांगड़ा जिला में धर्मशाला और बैजनाथ उपमंडी को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा जा रहा है।