हिमाचल प्रदेश में आईपीसी की धारा 420 को गैर जमानती अपराध बनाया जाएगा। कानून में संशोधन करने के लिए पुलिस मुख्यालय प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार से सिफारिश करेगा। सोमवार को मीडिया से बातचीत में डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि अंग्रेजों के समय में आईपीसी की धारा 420 को लेकर गंभीरता से नहीं सोचा गया। आज देश में पेपर लीक मामला संगठित अपराध बन गया है।
धारा 420 जमानती है। आरोपी तीन साल बाद बाहर आ रहे हैं और फिर से इसी अपराध को अंजाम दे रहे हैं। गैर जमानती अपराध बनाए जाने से इसमें अंकुश लग सकेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक 171 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 116 अभ्यर्थी हैं। तीन जुलाई को होने वाली लिखित परीक्षा में अब ये 116 अभ्यर्थी नहीं बैठ सकेंगे।
पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) इसी सप्ताह पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करेगी। डीजीपी ने कहा कि पेपर लीक मामले में कई आरोपी सरकारी नौकरियों में भी कार्यरत हैं। जैसे-जैसे आरोपियों को पकड़ा जाएगा, उनके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की जाएगी।
अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के साथ धोखा व छल करता है। बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति की बहुमूल्य वस्तु या संपत्ति में परिवर्तन व नष्ट करता है। उस पर आईपीसी की धारा 420 लगाई जाती है।
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि राजस्थान सरकार ने कानून में संशोधन कर आईपीसी की धारा 420 को सख्त किया है। इसमें 10 साल की सजा, प्रापर्टी अटैच करने का प्रावधान किया है। हिमाचल पुलिस राजस्थान के इस एक्ट का भी अध्ययन करेगी। इसके बाद कानून को सख्त करने के लिए प्रदेश सरकार से सिफारिश करेगी ताकि हिमाचल में इस कानून को कठोर बनाया जा सके।