HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

----

धारा 118 से छेड़छाड़ नहीं, प्रदेश में बनाएंगे इन्वेस्टमेंट ब्यूरो : उद्योग मंत्री

By Sandhya Kashyap

Verified

Published on:

Follow Us

नाहन : उद्योग, संसदीय कार्य व आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में एक है। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश ब्यूरो की स्थापना की जाएगी।

उद्योग मंत्री आज मंगलवार को पांवटा में हि.प्र. चैंबर्स ऑफ कॉर्मस ंएण्ड इंडस्ट्रीज के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में पांवटा एवं कालाआम के विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

उद्योग मंत्री ने कहा कि धारा 118 में ज्यादा छेड़छाड़ संभव नहीं है लेकिन विभिन्न प्रकार के एनओसी व स्वीकृतियां समयबद्ध प्रदान की जाएंगी। उन्होंने चैंबर से पांवटा में लंबित मामलों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि कंपनी स्थापित करने के लिए अब जिला स्तर पर फाईल क्लीयर होगी और सीधे मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी जिसे समयबद्ध क्लीयर कर दिया जाएगा।

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पुराने उद्योगों को निरंतर क्रियाशील रखने के लिए वन टाईम सेटलमेंट किया जाएगा जिससे उद्योग प्रोत्साहित होंगे, हालांकि नये उद्योगों को भी आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों का पलायन हर हालत में सरकार द्वारा रोकाक जाएगा।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हरित राज्य ऊर्जा की ओर बढ़ रही है तथा सभी सरकारी वाहन आगामी तीन सालों में इलैक्ट्रिक वाहनों में तबदील कर दिए जाएंगे। उन्होंने प्रदेश में सौर उर्जा से जुड़े उद्यम स्थापित करने को कहा, इसके लिए सरकार एनओसी स्वीकृतियां प्रदान करने में किसी प्रकार का विलंब नहीं होने देगी। यह आश्वासन उन्होंने पांवटा में स्थापित किये जा रहे सौर पावर प्लांट की स्थापना में आ रही समस्या का समाधान करते हुए दिया।  

--advertisement--

चैंबर की मांग पर उद्योग मंत्री ने विद्युत सब स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के लिए कहा और साथ ही विद्युत विभाग से सब स्टेशन का काम जल्द पूरा करने के लिए भी कहा। चैंबर ने पांवटा अस्पताल के लिए एक्स-रे मशीन प्रदान करने की घोषणा की। उद्योग मंत्री ने कहा कि नये औद्योगिक केन्द्र जिला में स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन पुराने उद्योगों को विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

विद्युत आपूर्ति की गुणत्ता तथा ट्रिपिंग की समस्या पर उद्योग मंत्री ने विद्युत विभाग को निर्देश दिए कि 132 केवी सब स्टेशन की शीघ्र स्थापना की जाए।

उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योगों की अधोसंरचना व कनैक्टिविटी जरूरी है, सरकार इस पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि निवेश ब्यूरो के सीईओ के अधीन विभिन्न विभागों को लाकर सभी प्रकार के एनओसी व स्वीकृतियां सीईओ स्तर पर ही अविलंब प्राप्त करने की सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि पांवटा चैंबर अपनी प्राथमिकताएं बताएं, दो करोड़ रुपये तक के इंसेटिव जल्द उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। उन्होंने विभागों को उद्योगों से सम्बन्धित एनओसी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्योगपतियों से स्थानीय हिमाचली युवाओं को उद्योगों में रोजगार देने पर बल दिया।

  उद्योग मंत्री ने कहा कि ब्वायलर निरीक्षण प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा, इसकी दरें निश्चित की जाएंगी और निरीक्षण के लिए अधिक वैंडर अधिकृत किये जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार की मनमानी न हो सके और किसी भी प्रकार की ब्लेकमेलिंग पर अंकुश लगाया जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग 707 की हालत सुधारने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की रवैया जनता के प्रति नर्म तथा संवेदनशील होना चाहिए।  

चैंबर्स ऑफ कॉर्मस ंएण्ड इंडस्ट्रीज पांवटा साहिब के अध्यक्ष सतीश कुमार गोयल ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत करते हुए उद्योगपतियों को पेश आ रही विभिन्न समस्याएं उद्योग मंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि धारा 118 उद्योग विस्तार के लिए बड़ी बाधा है और करीब 250 करोड़ रुपये का निवेश इसी वजह से रूका हुआ है। उन्होंने कहा कि कंपनी का नाम बदलना भी धारा 118 में आता है और कंपनी में मालिक बदलने पर भी पुनः 118 के तहत स्वीकृतियां दोबारा लेनी पड़ती हैं। कंपनी मालिकों को आवासीय समस्या भी रहती है, जमीन कंपनी के नाम न होने पर बैंक से ऋण भी नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कंपनी में कोई भी बदलाव होता है तो धारा 118 के चलते पंजीकरण शुल्क भी दोबारा से लगता है। उन्होंने कहा कि मैनकाइंड का आयुर्वेद सम्बन्धी 1900 करोड़ रुपये का निवेश भी स्वीकृतियों के बिना रूका है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों की एनओसी की अनिवार्यता के चलते कंपनी या तो लग नहीं पाती या फिर पलायन पर मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग केन्द्र के अपने प्लॉट होने के बावजूद कई प्रकार के एनओसी अथवा स्वीकृतियां लेने में छूट दी जानी चाहिए।

सतीश गोयल ने कहा कि पांवटा चैंबर्स ऑफ कामर्स को बने 50 साल हो गए हैं और हिमाचल का सबसे पुराना चैंबर है किन्तु पिछले कई सालों से यह चैंबर उपेक्षित रहा है।

पूर्व विधायक किरणेश जंग, सीआईआई के उपाध्यक्ष अरूण गोयल, चौहान, चैंबर के महासचिव नवीन अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष अरूण शर्मा एसडीएम गुंजीत चीमा, अतिरिक्त निदेश उद्योग तिलक राज शर्मा, संयुक्त निदेशक जी.एस. चौहान भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।