बद्दी : अप्रैल में हिमाचल में बनीं 11 दवाओं समेत देश की 35 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। प्रदेश की जिन 11 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें चार दवाएं सिरमौर और सात सोलन में बनी हैं। केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन के अप्रैल के ड्रग अलर्ट में यह दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं। इन दवाओं में स्तन कैंसर, बुखार, संक्रमण, पेट की गैस, बाल झड़ने, हड्डियों की कमजोरी, अल्सर जीवाणु संक्रमण और एलर्जी की दवा शामिल हैं। अप्रैल में 895 दवाओं के सैंपल लिए गए थे। इनमें 859 पास हुए और 35 सैंपल फेल हो गए हैं।
जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें सोलन जिले के कौंडी स्थित मेडियोन बाॅयोटेक कंपनी में हड्डियों की कमजोरी के लिए बनी एल्ट्राजोन इंजेक्शन, बद्दी के गुरुमाजरा स्थित सेलूस फार्मास्युटिकल्स कंपनी में स्तन कैंसर की दवा लेट्रोजोल टैबलेट, बद्दी के काठा स्थित एस्ट्रीका हेल्थकेयर कंपनी की गर्भपात के बाद होने वाले रक्तस्राव की दवा मिसोप्रोस्टोल, बद्दी की प्रीत रेमीडीज कंपनी की संक्रमण की दवा एमोक्सी सिलिन कैप्सूल, सिरमौर के पांवटा साहिब की जी लेबोट्री की बच्चों की बुखार की दवा पैरासीटामोल, सिरमौर के मोगीनंद स्थित अकुरा केयर कंपनी की बाल झड़ने की दवा फिनास्टराइड टैबलेट, सिरमौर के कालाअंब स्थित पेट के गैस की दवा पेंटा प्रोजोल, नालागढ़ स्थित एलविस हेल्थ केयर की अल्सर की दवा रेंटेडाइन, सिरमौर के कालाअंब स्थित पुष्कर फार्मा कंपनी की जीवाणु संक्रमण की दवा एनरोफ्लाॅक्सासिन, बद्दी के गुरुमाजरा स्थित एलवी लाइफ साइंस की एलर्जी की दवा लिवोसिट्राजीन और बद्दी के ही साइपर फार्मा कंपनी में बनी बुखार, सिर दर्द की दवा आईबूप्रोफेन के सैंपल फेल हुए हैं।
सहायक ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने सैंपल फेल होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जिन कंपनी के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें विभाग की ओर से नोटिस जारी किए जाएंगे। बाजार से दवाई को वापस मंगाने के लिए कहा जाएगा। साथ ही विभाग स्वयं इन कंपनी में सैंपल लेकर जांच करेगा।