शुक्रवार देर रात, Sabarmati Express उत्तर प्रदेश के कानपुर स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। यह ट्रेन, जिसमें लगभग 1,300 यात्री सवार थे, झांसी की ओर जा रही थी। हादसा तब हुआ जब ट्रेन ने रात करीब 2:30 बजे पटरियों पर एक बड़े पत्थर से टकराया। इस दुर्घटना के कारण ट्रेन के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि, अब तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं आई है, जो एक बड़ी राहत की बात है।
यह ट्रेन वाराणसी से चलना शुरू हुई थी और अहमदाबाद की ओर जा रही थी। हादसे में ट्रेन के इंजन को भारी नुकसान पहुंचा है। दुर्घटना के बाद, उस लाइन पर ट्रेन की आवाजाही बंद हो गई और कई ट्रेनों को दूसरे रूट से जाना पड़ा। जैसे ही हादसे की खबर मिली, पुलिस, फायर डिपार्टमेंट, और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएँ तुरंत मौके पर पहुंचीं। रेलवे अधिकारी और पुलिस ने सभी डिब्बों की पूरी तरह से जांच की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई यात्री डिब्बों में फंसा नहीं है।
दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन से यात्रियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया और उन्हें कानपुर स्टेशन लाया गया। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की और एक दूसरी ट्रेन का भी प्रबंध किया गया ताकि यात्री अपनी यात्रा को जारी रख सकें। यह हादसा भारत में हाल के वर्षों में हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं की कड़ी में एक और घटना जोड़ता है। पिछले साल, ओडिशा में चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना में 296 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा, उत्तर बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस और चक्रधरपुर मंडल में हावड़ा-सीएसएमटी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने जैसी अन्य घटनाएँ भी हो चुकी हैं।
हालांकि, इस बार भगवान की कृपा से किसी की जान नहीं गई। लेकिन यह घटना एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रेलवे को और भी सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। रेलवे अधिकारियों ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और जल्दी ही दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जाएगा। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, रेलवे ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे को और भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।