शिमला : प्रदेश में राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल के नियम बदल सकते हैं। चिह्नित 18 स्कूलों में से 17 का निरीक्षण पूरा हो गया है। अंतिम स्कूल का दौरा करने विशेष सचिव शिक्षा की अगुवाई वाली टीम अगले सप्ताह किन्नौर जाएगी। स्कूल निर्माण को 100 कनाल भूमि मिलना मुश्किल हो गई है। ऐसे में इसका दायरा कम करने की तैयारी को लेकर भी मंथन शुरू हो गया है। पहले से खुले स्कूलों को भी इस योजना में शामिल कर मॉडल बनाने पर विचार हो रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि स्कूल निर्माण के लिए 100 कनाल भूमि ऐसे स्थानों पर मिल रही है, जहां तक बच्चों का पहुंचना मुश्किल होगा। शहरी क्षेत्रों में इतनी अधिक भूमि भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। ऐसे में सरकारी स्तर पर योजना के नियमों को बदलने का विचार भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में राज्य में शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का एलान किया है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में इन स्कूलों के निर्माण के लिए 18 स्थान चुने गए हैं।
इन स्थानों का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाने का जिम्मा सरकार ने विशेष सचिव शिक्षा पंकज राय को सौंपा है। विशेष सचिव जल्द ही अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को सौंपेंगे। इस रिपोर्ट पर कैबिनेट बैठक में मंथन के बाद बदलाव को लेकर फैसला लिया जाएगा। योजना के तहत पहले चरण में 18 माह के भीतर प्री नर्सरी से पांचवीं कक्षा के ब्लॉक तैयार किए जाएंगे। राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों में प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक लगभग 900 से 1000 छात्रों को समायोजित करने की क्षमता होगी। इन स्कूलों में हाईटेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल के मैदान, इंडोर स्टेडियम, स्वीमिंग पूल, म्यूजिक रूम सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।