राकेश कुमार ने परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कई वर्षों तक निजी कम्पनी में कार्य किया, लेकिन कोरोना संकर्मण के चलते लॉकडाउन लग गया, जिससे कम्पनी ने वेतन आधा कर दिया, यही समय था जब राकेश कुमार ने ठाना कि निजी कम्पनी में नौकरी न करके स्वयं का व्यवसाय शुरू करेगें
पांवटा साहिब: जज्बा, जुनून, लग्न, मेहनत और भाग्य के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी तथा आर्थिक मदद मिले तब बेरोजगार युवा स्वरोजगार सृजन कर स्वाबलम्बी बन सकता हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए 18 से 45 वर्ष तक के पुरुषों तथा 18 से 50 वर्ष तक की महिलाओं के लिए अनेकों प्रोत्साहन योजनाऐं चलाई जा रही हैं। इसी दिशा में युवाओं में कौशल विकास तथा स्वरोजगार सृजन के अतिरिक्त उन्हें स्वाबलम्बी बनाने के लिए मुख्यमंत्री स्वाबलम्बन योजना क्रियान्वित की जा रही है। योजना के अर्न्तगत 1 करोड़ रूपये तक की मशीनरी तथा संयन्त्र में निवेश पर 25 प्रतिशत का निवेश उपदान जबकि महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत और विधवा महिला को 35 प्रतिशत उपदान उपलब्ध करवाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के लाभार्थी 36 वर्षीय राकेश कुमार, पुत्र जैसी राम गांव हरीपुर पांवटा साहिब जिला सिरमौर, का कहना है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह 12वीं तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाये। उनका सपना था कि वह स्वरोजगार के साधन सृजित कर अपने परिवार के साथ बेहतर जीवन यापन कर सकें, लेकिन धन के अभाव की वजह से कोई भी व्यवसाय नहीं कर पा रहे थे। राकेश कुमार ने पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कई वर्षों तक एक निजी कम्पनी में कार्य किया, लेकिन कोरोना महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लग गया जिससे कम्पनी ने उनका वेतन आधा कर दिया। बस यही समय था जब उन्होंने ठाना कि निजी कम्पनी में नौकरी न करके स्वयं का व्यवसाय शुरू करेगें।राकेश कुमार ने सरकारी योजनाओं के सम्बन्ध में जिला मुख्यालय नाहन के कार्यालयों में जाकर जानकारी इकट्ठी की।
उन्हें जिला उद्योग केन्द्र नाहन से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जानकारी मिली तथा इसके सम्बन्ध में उन्होंने सभी उौपचारिकताएं पूर्ण कर 22 लाख रुपये की कार्य योजना स्वीकृत करवाई तथा उन्हें इस योजना के तहत 6.25 लाख रुपये का उपदान मिला है। उन्होंने जिला सिरमौर के माजरा में राजवी साल्वेंट प्रा0 लिमिटेड नाम से अक्तूबर 2020 में कार्य आरम्भ किया तथा टॉयलेट क्लीनर, वाशिंग पाउडर, फिनाइल, डिशवाश तथा हैंडवाश इत्यादि उत्पाद निर्मित करने आरम्भ कियें। राकेश कुमार बताते हैं कि उनकी कंपनी में 10 से 12 बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। उनके उत्पाद उतराखण्ड, पांवटा साहिब, नाहन तथा स्थानीय स्तर पर घर-घर जाकर बेचे जा रहे हैं जिनसे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है।