HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

----

लोक लेखा समिति ने सोलन में वर्षा के कारण हुए नुकसान का लिया जायज़ा

By Sandhya Kashyap

Verified

Published on:

Follow Us

सोलन : हिमाचल प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति ने उपायुक्त सोलन को निर्देश दिए हैं कि गत वर्ष भारी वर्षा के कारण परवाणु-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग को सोलन ज़िला में हुए नुकसान के कारण क्षतिग्रस्त पारम्परिक सम्पर्क मार्गों को शीघ्र ठीक करवाएं और यह सुनिश्चित बनाएं कि क्षेत्र में पारम्परिक जल स्त्रोतों का दीर्घ अवधि तक उपयोग हो सके। समिति ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग को हुई क्षति को जनहित में शीघ्र ठीक करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई) एवं अन्य विभागों की संयुक्त बैठक शीघ्र बुलाने के निर्देश भी दिए।

प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति ने आज यहां कार्यकारी सभापति एवं चम्बा ज़िला के चुराह के विधायक डॉ. हंसराज की अध्यक्षता में इस विषय पर उपायुक्त सोलन एन.एच.ए.आई एवं अन्य विभागों के साथ बैठक कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की और उचित दिशा-निर्देश जारी किए।

बैठक में समिति के सदस्य एवं कांगड़ा ज़िला के शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया और सदस्य एवं कांगड़ा ज़िला के इंदोरा के विधायक मलेन्द्र राजन ने भी बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में सोलन ज़िला के कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

समिति के कार्यकारी सभापति डॉ. हंस राज ने कहा कि गत वर्ष हिमाचल प्रदेश को आपदा के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आपदा को रोका नहीं जा सकता किंतु समय पर किए गए एहतियाती उपायों से कम किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं और स्थानीय निवासियों के मध्य बेहतर तालमेल होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के क्षेत्र विशेष की भौगोलिक परिस्थिति स्थानीय निवासी बेहतर जानते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, निर्माण कार्य में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की सहायता लें।
उन्होंने कहा कि सामरिक एवं आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऐसे निर्माण कार्यों में प्रदेश के वन, बागवानी एवं कृषि विभाग से समन्वय आवश्यक स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में कृषि योग्य भूमि को सुरक्षित रखने एवं भू-संरक्षण सुनिश्चित बनाने के लिए इन विभागों का सहयोग आवश्यक है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

डॉ. हंस राज ने कहा कि यह मार्ग आर्थिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसे सुचारू रखने में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिए कि आपदा के कारण सोलन ज़िला में आवासों इत्यादि को हुए नुकसान का भौगोलिक दृष्टि से सर्वेक्षण किया जाए।

--advertisement--

समिति के सदस्य एवं विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि आपदा के समय त्वरित राहत पहुंचाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी 4500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज के दृष्टिगत सोलन ज़िला में सभी पीड़ितों को समयबद्ध राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि आमजन को समयबद्ध सहायता प्रदान करने और आपदा के प्रभावों को न्यून करने के लिए विभिन्न विभागों का आपसी समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आपदा के कारण जानो-माल को होनी वाली क्षति को कम करने के लिए निर्माण कार्यों में पहाड़ की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप स्थापित नियमों का ध्यान रखा जाए।

समिति के सदस्य एवं विधायक मलेन्द्र राजन ने कहा कि गत वर्ष भारी वर्षा के कारण प्रदेश में आई आपदा जैसी परिस्थितियों से भविष्य में बचने के लिए शोध आवश्यक है।

उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने अवगत करवाया कि गत वर्ष भारी वर्षा से सोलन ज़िला में लगभग 653 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, 8439 व्यक्ति प्रभावित हुए, 377 घर पूरी तरह तथा 783 परिवारों के घर आंशिक क्षतिग्रस्त हुए। 17 लोग इस आपदा के कारण दुःखद मृत्यु को प्राप्त हुए। ज़िला प्रशासन द्वारा आपदा राहत मेनुअल तथा तदोपरांत विशेष राहत पैकेज के अनुरूप प्रभावितों को राहत राशि प्रदान की गई है।

समिति ने तदोपरांत राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्की मोड़ के समीप हुए भारी नुकसान का जायज़ा लिया और एन.एच.ए.आई के अधिकारियों से भविष्य के बचाव की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि ज़िला प्रशासन एवं एन.एच.ए.आई इस मार्ग को युद्ध स्तर पर ठीक करने के लिए कार्य करें। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन कार्य में संलग्न कम्पनी के अधिकारी उपस्थित थे।