डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और कावेरी जल नियमन समिति के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। सीडब्ल्यूआरसी ने 12 सितंबर को दिए अपने आदेश में कर्नाटक को अगले 15 दिन तक तमिलनाडु को हर दिन 5,000 क्यूसेक पानी देने का निर्देश दिया था।
तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी से जल छोड़ने को लेकर कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। कर्नाटक के कई संगठनों ने बंद का भी आह्वान किया है। इस बीच मांड्या में कई किसानों को सड़कों पर लेटकर ही विरोध प्रदर्शन करते देखा गया। लोग अपने खेत की फसल पकड़कर धरने पर बैठे। विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस ने पूरे कर्नाटक में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। किसान संगठनों और कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कावेरी नदी घाटी जिलों मैसुरु, मांड्या, चामराजनगर, रामानगर, बेंगलुरु राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध कर अपना रोष व्यक्त किया। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से पड़ोसी राज्य को पानी नहीं छोड़ने का आग्रह किया।
कावेरी नदी घाटी क्षेत्रों में खड़ी फसलों के लिए सिंचाई के पानी और पेयजल की अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि मानसून में कम बारिश के कारण पानी की कमी हो गई है। शुक्रवार को इसके चलते चित्रदुर्ग, बल्लारी, दावणगेरे, कोप्पल और विजयपुरा जैसे जिलों में भी विरोध प्रदर्शन हुआ।