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स्कूल में चल रही थी प्रार्थना, एक-एक कर गिरे 11 बच्चे और फिर चपरासी

By Sushama Chauhan

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डेस्क: स्कूल में हर रोज की तरह पढ़ाई के लिए पहुंचे बच्चे प्रार्थना के लिए इकठ्ठे हुए थे। प्रार्थना के दौरान एक बच्ची अचानक बेहोश होकर गिरी और फिर देखते ही देखते कुछ और बच्चे भी इसी तरह बेहोश होकर गिरने लगे। लगभग 11 बच्चे इस दौरान बेहोश होकर गिर गए। इस सब के बीच चपरासी को भी चक्कर आ गए। एक के बाद एक बच्चों के बेहोश होने से स्कूल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

घटना बालाघाट जनपद के तहत ग्राम मगरदर्रा के शासकीय माध्यमिक स्कूल की है। शुक्रवार को यहां करीब 11 बच्चे अचानक बीमार हो गए। बच्चों को तुरंत ही एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया। यहां उनका उपचार किया जा रहा है और अब सभी बच्चे स्वस्थ हैं।

अभिभावकों को जब इस घटनाक्रम की जानकारी लगी, तो वे स्कूल की ओर दौड़े चले आए। स्कूल प्रबंधन भी बच्चों की हालत को लेकर चिंतित रहा। बच्चों की स्थिति में सुधार न होने के बाद एम्बुलेंस को सूचना दी गई। कुछ ही देर में स्कूल में तीन एम्बुलेंस भी पहुंच गई। जिसके बाद बच्चों को जिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने बच्चों की स्थिति को देखते हुए तुरंत ही उपचार प्रारंभ किया। फिलहाल सभी बच्चों की हालत में सुधार हुआ है।

हैडपंप का पानी बताया जा रहा वजह

इस घटना के पीछे हैण्डपंप के पानी को वजह बताया जा रहा है। स्कूल में बच्चों की जो हालत थी, उसमें कुछ बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। स्कूल में सुबह करीब 10 बजे बच्चे प्रार्थना कर रहे थे। इसी दौरान आरुषि नाम की एक छात्रा बेहोश होकर गिरी। उसने सांस लेने में तकलीफ, अकडऩ व नसों के खींचने की शिकायत की। इसके बाद ऐसी ही शिकायत के चलते बाकि बच्चे भी बीमार हो गए।

इस संबंध में जनपद बालाघाट उपाध्यक्ष शंकरलाल बिसेन ने बताया कि मुझे इस बारे में पता चला कि स्कूल में बच्चों की तबियत खराब हो रही है तो मैं तुरंत वहां पहुंचा। मैने देखा कि कुछ बच्चे बेहोशी की हालत में है, कुछ बच्चों को 108 एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया और एक बच्चे को मैं स्वयं अपनी कार में लेकर अस्पताल पहुंचा हूं।

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हैडपंप को किया सील-

जिला शिक्षाधिकारी अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि इस घटना की जानकारी उन्हें एसडीएम ने दी थी। मैं जब मगरदर्रा गया, तो इस घटना की जानकारी हुई। बच्चों के इस तरह बेहोश होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल और पीएचई की टीम भी वहां जांच करने पहुंची थी। जिन्होंने हैण्डपम्प को सील कर दिया है।

सरपंच पाठक ने बताया कि बच्चों ने भोजन नहीं किया था। बच्चे हैण्डपंप के पानी को ही पीते है। टंकी का पानी उपयोग में नहीं लाया जाता है। ऐसा पहली बार ही हुआ है जब इतने बच्चे अचानक बीमार हुए हैं।

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मनोवैज्ञानिक कारण से ऐसा हो सकता है

इस सम्बंध में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निलय जैन ने बताया कि सभी 11 बच्चों का उपचार किया जा रहा है, जो अब स्वस्थ हैं। बच्चों को पानी या भूख की वजह से कोई समस्या नही थी। कुछ बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी, जिस वजह से उन्हें ऑक्सीज़न लगाया गया। चूंकि एक बच्ची प्रार्थना के वक्त बेहोश होकर गिर गई, जिसे देखकर सम्भवतः दूसरे बच्चे घबरा गए और मनोवैज्ञानिक डर की वजह से वो भी बेहोश होने लगे। इन बेहोश बच्चों को उठाते हुए स्कूल का चपरासी भी बेहोश हो गया। बच्चों की सभी टेस्ट रिपोर्ट सामान्य है।

सूचना पाते ही मध्यप्रदेश शासन आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे भी ज़िला अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हाल चाल जाना।